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नाबालिगों से जोखिम भरा काम कराने वाले बेकरी संचालकों पर प्रकरण दर्ज

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कम उम्र के बच्चों से तपती भट्ठी में जोखिम भरा काम कराने वाले तिलहरी स्थित द ओवन क्लासिक बेकरी के संचालकों पर श्रम विभाग ने बालश्रम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बेकरी में काम करने वाले किशोरों में कुछ अनुसूचित जाति के थे, लिहाजा इस मामले में एससी-एसटी एक्ट की धाराएँ भी जाँच के बाद बढ़ाई जाएँगी। फिलहाल बेकरी संचालकों को नोटिस जारी करके 7 दिन के अंदर जवाब देने की मोहलत दी गई है।
उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग, महिला बाल विकास और चाइल्ड लाइन की टीमों ने तिलहरी स्थित द ओवन क्लासिक बेकरी में विगत दिनों कार्रवाई की थी। जहाँ तपती भट्ठी में 36 श्रमिक काम करते मिले, जिनमें से 17 किशोर थे। सभी नाबालिगों को गोकलपुर स्थित बाल संरक्षण गृह भेज गया था। गुरुवार को किशोरों की काउंसलिंग की गई और इसके आधार पर श्रम विभाग ने नाबालिगों से खतरनाक काम कराने के मामले में बेकरी संचालकों पर बालश्रम की धाराएँ लगाई हैं। विभाग ने बेकरी संचालक तुषार गोकलानी व मैनेजर रंजीत खिरर को नोटिस जारी करके 7 दिन में जवाब माँगा है। इस मामले में गोराबाजार थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है और श्रम विभाग ने भी अपने स्तर पर जाँच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि प्रकरण में 50 हजार रुपये का जुर्माना और 6 माह की सजा का प्रावधान है।
बिना छुट्टी के 12 घंटे से ज्यादा करते थे काम
तिलहरी स्थित बेकरी से जिन 17 किशोरों को बाल संरक्षण गृह भेजा गया था, उनकी काउंसलिंग की गई। किशोरों ने बताया कि वे बिना कोई छुट्टी लिए हर दिन 10 से 12 घंटे और इससे ज्यादा समय तक काम करते थे। जिसमें भ_ी के पास या फिर भारी सामान उठाने जैसा काम शामिल था। अधिकारियों ने इन्हें श्रम कानून का उल्लंघन माना है। किशोरों में 5 जबलपुर के बारहा क्षेत्र और इसके आसपास के हैं, जिन्हें उनके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है। वहीं 4 किशोर सिवनी के हैं, 7 बिहार के और एक अन्य यूपी के रहने वाले हैं। इन किशोरों की काउंसलिंग आगे भी की जाएगी और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।