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दैनिक भास्कर हिंदी: फर्जी लेन-देन पर सर्जिकल स्ट्राइक - नोटिफिकेशन जारी, बैंक-संबंधियों के अलावा उधार अब गैर कानूनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाल ही में केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर 21 फरवरी से बैनिंग अनरेग्युलेटेड डिपाजिट स्कीम्स लागू कर दिया है। गुरुवार से लागू हुए इस कानून को लेकर बाजार में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारों के अनुसार, यह फर्जी लेन-देन पर सर्जिकल स्ट्राइक है। वे इसे नोटबंदी से भी सख्त फैसला बता रहे हैं। इस कानून के माध्यम से सरकार की पोंजी स्कीम, गैर-कानूनी वित्तीय संस्थानों और चिटफंड कंपनियों पर लगाम लगाने की तैयारी है। नोटिफिकेशंस के अनुसार, जिन लोगों ने व्यापार के रिकार्ड में किसी से लेन-देन या उधार दिखाया है, उन्हें वह तुरंत लौटाना पड़ेगा।
बिल की अहम बातें
एक ऑनलाइन डाटाबेस बनेगा, जिसमें अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीमस की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
कोई भी संस्था डायरेक्ट या इनडायरेक्ट, विज्ञापन के जरिए या फिर लोगो से आग्रह कर अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम नहीं चलाएगी।
नियम तोड़ने पर कम से कम 3 और ज्यादा से ज्यादा 10 साल तक के लिए जेल की सजा हो सकती है। साथ ही जितना फंड स्कीम के तहत जुटाया गया है, उसका दो गुना तक जुर्माना भरना होगा।
अगर कोई संस्था रेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम में मियाद पूरी होने पर धोखा कर पैसा वापस नहीं चुकाए तो उसके लिए 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
जमाकर्ताओं के पैसे जुटाने के लिए संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है। इसके साथ गलत तरीके से कमाए गए मुनाफे को प्रभावित लोगों के बीच बांटने की भी व्यवस्था होगी।
अध्यादेश को लेकर अभी स्थिति बहुत साफ नहीं
आईसीएआई के सदस्य जुल्फेश शाह ने बताया कि जब से लोगों के बीच यह अध्यादेश आया है, तब से लाेगों में इसे लेकर भ्रम की स्थिति निर्माण हो गई है। लोगों का मानना है कि यह अध्यादेश अपने मित्रों, परिवार से उधार या लेन-देन पर रोक लगा रहा है। शाह का मानना है कि अध्यादेश के सेक्शन 2 का क्लाज 17, "अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम' का मतलब बताता है कि, "कोई स्कीम या अरेंजमेंट जिसके तहत डिपॉजिट लिया गया है या मांगा गया है', बिजनेस रेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम के अंदर नहीं आता है तो उसको अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम का दर्जा दिया जाएगा और इस प्रकार के ट्रांजेक्शंस पर पाबंदी लगाई गई है। उनके अनुसार, दोस्तों से रुपए के लेन-देन करने पर पाबंदी नहीं है, बल्कि रुपए के लेन-देन का व्यवसाय करने पर पाबंदी है। यदि लोन देना आपका व्यवसाय है तो इसके लिए आरबीआई की इजाजत लेनी पड़ती है। यह अध्यादेश लोन देने पर रोक नहीं लगाता, बल्कि यह उस व्यक्ति को सजा देता है जो कि डिपॉजिट लेने का व्यवसाय करता है। सीए संदीप जोतवानी के अनुसार, इस कानून की बातें अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है। पूरा अध्यादेश पढ़ने के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकता है। यह कानून पोंजी स्कीम, गैर-कानूनी वित्तीय संस्थानों और चिटफंड कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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