फर्जीवाड़ा रोकने उठाया कदम, क्यूआर कोड के साथ जारी किए जाएंगे डॉक्टरों के प्रमाणपत्र

Certificates of doctors will be issued with qr code
फर्जीवाड़ा रोकने उठाया कदम, क्यूआर कोड के साथ जारी किए जाएंगे डॉक्टरों के प्रमाणपत्र
फर्जीवाड़ा रोकने उठाया कदम, क्यूआर कोड के साथ जारी किए जाएंगे डॉक्टरों के प्रमाणपत्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जरी (सीपीसी) की फर्जी डिग्री की मदद से महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने की कोशिशों पर लगाम लगाने के लिए अब डिग्री क्यूआर कोड से साथ जारी होगी। एमएमसी के नागपुर से सदस्य डॉ. विक्की रुघवानी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डिग्री में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए अब ऑनलाइन डिग्री और प्रिंट कॉपी दोनों में कई सुरक्षा फीचर जोड़े गए हैं। 

नागपुर के तीन मामले

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने पिछले पांच वर्ष में राज्य में 105 ऐसे मामलों की पहचान की थी, जिसमें काउंसिल से डिग्री में फर्जीवाड़ा कर सर्टिफिकेट प्राप्त किया गया था। इनमें से तीन मामले नागपुर के थे। इस खुलासे के बाद एमएमसी डिग्री में फर्जवाड़ा रोकने के लिए उपायों पर विचार कर रहा था। इसके साथ ही एमएमसी की ओर से जारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर भी क्यूआर कोड व अन्य सुरक्षा फीचर होंगे। एमएमसी की ओर से अब डॉक्टरों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व्यक्तिगत क्यूआर कोड के साथ ई-मेल किया जाएगा। इसके साथ ही संस्था ने पहले से पंजीकृत डॉक्टरों से उनके ई-मेल मांगे हैं, ताकि  उन्हें भी क्यूआर कोड सहित सर्टिफिकेट भेजा जा सके। एमबीबीएस और एमडी करने के बाद राज्य के सभी डॉक्टरों को महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है।  इसके साथ ही प्रैक्टिस जारी रखने के लिए हर पांच वर्ष के बाद सर्टिफिकेट रिन्यु भी करना अनिवार्य है। 

कई सुरक्षा उपाय 

काउंसिल की ओर से जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट में सुरक्षा के उपाय नहीं होने के कारण आसानी से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा सकता था। ऑनलाइन सुरक्षा के लिए क्यूआर कोड के साथ अब प्रिंटेट कॉपी में सुरक्षा के लिए इमबॉस्ड लोगो, हॉलमार्क, हिडेन लाइन और वाटरमार्क जैसे फीचर शामिल किए गए हैं। क्यूआर कोड में संबंधित डॉक्टर के नाम और तस्वीर समेत पूरी जानकारी होगी। इससे किसी डॉक्टर के खिलाफ शिकायत मिलने पर काउंसिल को जांच में सुविधा होगी। काउंसिल ने पिछले वर्ष मोबाइल ऐप भी शुरू किया था। इस ऐप के जरिए नागरिक किसी भी डॉक्टर की शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऐप पर डॉक्टर के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवाई जा सकती है।

नकली डिग्री पर लगेगी रोक

नए सुरक्षा फीचर के कारण नकली डिग्री बनाने या सर्टिफिकेट से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा। काउंसिल की इस पहल से नकली डिग्री के सहारे रजिस्ट्रेशन करवाने वालों पर रोक लगेगी और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ भी रुकेगा। -डॉ विक्की रुघवानी, एमएमसी के सदस्य

Created On :   5 Oct 2019 1:59 PM IST

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