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अनूपपुर में अवैध रेत खनन और अनुबंध के उल्लंघन को चुनौती - स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को पक्षकार बनाने के निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में अनूपपुर जिले में अवैध रेत खनन और ठेका अनुबंध के उल्लंघन को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने इस मामले में एक सप्ताह में स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। अनूपपुर निवासी पत्रकार अजय मिश्रा की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि अनूपपुर जिले में वर्ष 2019 में तीन वर्ष के लिए रेत का ठेका भोपाल निवासी आशीष खरया की केजी डेवलेपर्स को 13 करोड़ 63 लाख में दिया गया था। आशीष खरया ने जुलाई 2020 में रेत का उप ठेका 38 करोड़ रुपए में संतोष सिंह को दे दिया। इसके बाद संतोष सिंह ने अक्टूबर 2020 में कई उप ठेकेदारों को रेत का ठेका का दे दिया। इसके बाद पूरे जिले में रेत का अवैध खनन शुरू हो गया। क्षेत्रीय नागरिकों की शिकायत पर िजला प्रशासन ने अवैध रेत के खनन में इस्तेमाल की जाने वाली पोकलेन और अन्य हैवी मशीनें जब्त कीं, जिसका प्रकरण जिला प्रशासन के पास विचाराधीन है। अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक ने तर्क दिया कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार रेत का उप ठेका नहीं दिया जा सकता है। अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि रेत ठेके का अनुबंध स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के साथ हुआ है। इस मामले में स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को पक्षकार नहीं बनाया गया है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने एक सप्ताह में स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं।
Created On :   10 July 2021 12:23 PM GMT