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दौसा की घटना के विरोध में लामबंद हुए शहर के चिकित्सक, न्याय की माँग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। राजस्थान के दौसा में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत पर एफआईआर होने से परेशान महिला डॉक्टर के सुसाइड करने के मामले को लेकर शहर के चिकित्सा जगत में भारी रोष व्याप्त है। चिकित्सक लामबंद होकर अपने-अपने माध्यम से घटना की भत्र्सना करते हुए न्याय की माँग कर रहे हैं। गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जबलपुर ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिक सोसायटी एवं मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने एसपी ऑफिस पहुँचकर धरना दिया और ज्ञापन सौंपा। वहीं नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भी चिकित्सकों एवं स्टूडेंट्स ने विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा घटना के प्रति विरोध व्यक्त करने के लिए मेडिकल कॉलेज में 2 घंटे तक पीएम भी नहीं होंगे।
आत्यहत्या के लिए किया मजबूर
आईएमए अध्यक्ष डॉ. पवन स्थापक के अनुसार राजस्थान पुलिस द्वारा बाहरी दबाव के चलते डॉक्टर पर धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया, जोकि न्यायसंगत नहीं था। इसी के चलते एक चिकित्सक को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पुलिस इस कार्रवाई की घोर भत्र्सना करती है। ज्ञापन के दौरान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जितेंद्र जामदार, सचिव डॉ. रूप मांडवे, पूर्व अध्यक्ष डॉ. दीपक साहू, डॉ. चित्रा जैन, डॉ. कविता एन. सिंह, डॉ. प्रज्ञा धीरावाणी, डॉ. भारती साहू समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
पीडि़त के परिवार के साथ चिकित्सकों को भी चाहिए न्याय
मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग में भी घटना के प्रति विरोध दर्ज कराया। विभागाध्यक्ष डॉ. कविता एन. सिंह ने कहा कि असामाजिक तत्वों ने ऐसे हालात बनाए दिए कि डॉ. अर्चना को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पूरा विभाग और मेडिकल कॉलेज इस घटना से क्षुब्ध है। हमें उनके परिवार के साथ सभी चिकित्सकों के लिए भी न्याय चाहिए। जिन्होंने ऐसा किया है, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा िमलनी चाहिए। यह घटना उन बच्चों को भी प्रभावित करेगी, जो चिकित्सक बनने का संकल्प लेकर जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। इस मौके पर डॉ. प्रियदर्शनी तिवारी, डॉ. अर्चना सिंह, डॉ. सोनल साहनी, डॉ. विनिता घनघोरिया और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।
10 से 12 बजे के बीच नहीं होंगे पीएम
मेडिको-लीगल सोसायटी ऑफ जबलपुर ने आज दो घंटे तक मेडिको-लीगल कार्य बंद रखने की घोषणा की है। जिसके चलते सुबह 10 से 12 बजे के बीच मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम नहीं हो पाएँगे। इस संबंध में सोसायटी द्वारा मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सूचना दी गई है। सोसायटी के प्रेसिडेंट डॉ. विवेक श्रीवास्तव के अनुसार पुलिस ने बिना जाँच के धारा 302 में मुकदमा दर्ज किया, जबकि इस तरह के मामलों में मेडिकल नेग्लिजेंस के अंतर्गत धारा 304ए का मुकदमा दर्ज किया जाता है। सरकार द्वारा पुलिस को उचित दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए।
यह था मामला
लालसोट (दौसा) में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल की डॉ. अर्चना शर्मा ने सुसाइड कर लिया। मरीज की मौत के बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिससे डॉक्टर डिप्रेशन में आ गईं और मंगलवार सुबह डॉ. अर्चना ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।
Created On :   31 March 2022 9:48 PM IST