नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्र पर हो रहे निर्माण का निरीक्षण करेगी सीजे की बैंच

CJs bench to inspect the construction on the coastal area of Narmada River
नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्र पर हो रहे निर्माण का निरीक्षण करेगी सीजे की बैंच
नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्र पर हो रहे निर्माण का निरीक्षण करेगी सीजे की बैंच

 करीब 40 मिनिट तक चली सुनवाई के बाद युगलपीठ ने दिए निर्देश, अगली सुनवाई 17 फरवरी को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
नर्मदा नदी के तटीय स्थल के किनारे अवैध रूप से हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने खुद चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ 17 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले तिलवारा घाट जाएगी। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान नर्मदा तट के किनारे हो रहे निर्माण कार्य की हकीकत जानने यह मंशा जताई। इससे पहले भी डुमना एयरपोर्ट पर हो रहे विकास कार्यों का बैंच ने 27 नवंबर को निरीक्षण किया था।
गौरतलब है कि नर्मदा मिशन व समर्थ गौर चिकित्सा केन्द्र के अध्यक्ष शिव यादव की ओर से दायर इस जनहित याचिका में नर्मदा तट पर हो रहे निर्माण कार्यों को चुनौती दी गई है। याचिका में आरोप है कि तिलवारा घाट क्षेत्र में दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र गौ शाला द्वारा की जा रही खुदाई व निर्माण कार्य से नदी के प्राकृतिक रास्ते पर असर पड़ेगा। इस बारे में संबंधितों को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। इस मामले पर  हाईकोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए तट से 3 सौ मीटर के भीतर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। इस आदेश का पालन न होने पर एक अवमानना याचिका भी दायर की गई थी। बुधवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय शंकर पाण्डेय, ब्रजेन्द्र यादव, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर, शासकीय अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा और दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन 
सिंह, अधिवक्ता विपुल वर्धन जैन हाजिर हुए। सुनवाई के दौरान निर्माण कार्यों को लेकर किए जा रहे दावों पर हकीकत का पता लगाने युगलपीठ ने उभय पक्षों के साथ तिलवारा घाट जाने के निर्देश दिए। सुनवाई के बाद युगलपीठ द्वारा सुनाए गए विस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है।
 

Created On :   30 Jan 2020 8:40 AM GMT

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