सीएनआई ने बिशप को फर्जीवाड़ा का दोषी माना, सभी पदों से किया मुक्त

CNI held the bishop guilty of forgery, relieved from all posts
सीएनआई ने बिशप को फर्जीवाड़ा का दोषी माना, सभी पदों से किया मुक्त
दिल्ली में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया निर्णय सीएनआई ने बिशप को फर्जीवाड़ा का दोषी माना, सभी पदों से किया मुक्त

डिजिटल डेस्क जबलपुर। द सिनोड ऑफ द चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व बिशप पीसी सिंह को तत्काल प्रभाव से माडरेटर सहित सभी पदोंं से निलंबित किए जाने का निर्णय लिया गया। उक्त आदेश सिनोड के जनरल सेक्रेटरी डॉ. पीके सामंताराव द्वारा जारी किए गये हैं। ज्ञात हो कि इससे पूर्व उन्हें अस्थाई तौर पर पद से हटाकर उनके स्थान पर बीके नायक को माडरेटर नियुक्त किया गया था।
सूत्रों के अनुसार जारी किए गये पत्र में उल्लेखित किया गया है कि पीसी सिंह की फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तारी के बाद सीएनआई द्वारा तीन सदस्यीय जाँच कमेटी गठित की गई थी। जाँच कमेटी द्वारा 118 पन्नों की जाँच रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की गई जिसमें इस बात का जिक्र है कि पीसी सिंह ने पद का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अधीनस्थ संस्थाओं में नियुक्तियों, पदस्थापना और सस्पेंशन आदि मामलों में जमकर धांधली की है।
एकजुट होकर जताया विरोध
जानकारों के अनुसार सिनोड की बैठक के बाद जो पत्र जारी किया गया है उसमें बताया गया है कि बैठक में सीएनआई के अंतर्गत आने वाले 23 बिशप मौजूद थे। सभी ने एकजुट होकर पीसी सिंह के कार्यकलापों को लेकर विरोध जताया। उनका कहना था कि पीसी सिंह के माडरेटर रहते हुए सभी को उनके इशारे पर कार्य करना पड़ता था।
मनमाने तरीके से कीं नियुक्तियाँ
ईओडब्ल्यू की जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पीसी सिंह ने अपनी पत्नी नोरा सिंह, बेटे पियूष सहित कई अन्य लोगों की नियुक्तियाँ मनमाने तरीके से की थीं। पीसी सिंह के द्वारा की गईं नियुक्तियों में एक नाम और सामने आया है जिसे तीन संस्थाओं में अलग-अलग मैनेजर नियुक्त किया गया था और उसे तीनों संस्थाओं से अलग-अलग वेतन दिया जाता था।

Created On :   16 Oct 2022 10:49 PM IST

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