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कोरोना संकट : नागपुर सत्र में पेश होने वाली पूरक मांगों में होगी कटौती
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के कारण प्रदेश सरकार का राजस्व घटने का असर दिसंबर में आयोजित विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में पेश की जाने वाली पूरक मांगों पर पड़ेगा। सरकार ने सभी विभागों से पूरक मांगों के जरिए निधि मांगने के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। इसके अनुसार सरकार के विभाग केवल छह बिन्दुओं के लिए पूरक मांगें कर सकेंगे। मंगलवार को राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया। इसके मुताबिक आकस्मिक निधि से मंजूर किए गए कामों के लिए पूरक मांगों के माध्यम से राशि मांगी जा सकेगी। प्रदेश में जिन कामों के लिए बजट में प्रावधान की गई राशि में से 75 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च हो चुकी है ऐसे कामों को पूरा करने के लिए पूरक मांगों द्वारा अनुदान मांगा जा सकेगा।
केंद्रीय और केंद्र पुरस्कृत जिन योजनाओं के लिए केंद्र और राज्य के हिस्से की राशि का प्रावधान बजट में नहीं किया गया हो अथवा प्रावधान की गई राशि में से 50 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च हो चुकी है ऐसी योजनाओं के लिए पैसे मांगे जा सकेंगे। जिन खर्चों के लिए बजट में किसी प्रकार का प्रावधान नहीं किया गया है उसके लिए निधि मांगी जा सकती है। ठेके, अस्थायी और आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन और मानधन के भुगतान के लिए राशि मांगी जा सकेगी। इसके अलावा ठेके के सेवा के लिए राशि पर्याप्त नहीं होने पर निधि की मांग की जा सकती है।
Created On :   3 Nov 2020 6:06 PM IST