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चिकित्सक न होने चलते ठप हुई कोरोना सेंपलिंग, निजी लैब के भरोसे लोग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिले में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर खत्म हो गई है। पिछले 2 दिनों में न तो कोई न मरीज सामने आया है, नही कोई एक्टिव केस है। भले ही आंकड़े राहत दे रहे हों, लेकिन संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। यह बात ध्यान देने वाली है कि कोरोना की तीनों लहरों में संक्रमण लेकर आने वाले लोग अन्य जगहों से यात्रा कर लौटे थे। ऐसे में शहर में कोरोना की आमद दोबारा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी जिले में कोरोना सेंपलिंग ठप हो गई है। शासकीय स्तर पर कराई जा रही कोरोना सेंपलिंग चिकित्सकों के न होने के चलते न के बराबर स्थिति में पहुंच गई है। मार्च के अंत तक जहां हजार से ज्यादा सेंपल प्रतिदिन हो रहे थे, अप्रैल की शुरूआत से ही इनमें गिरावट आनी शुरू हो गई। अगर व्यक्ति सरकारी अस्पताल में सेंपल दे भी आए तो रिपोर्ट कब आएगी, कहा नहीं जा सकता। लोग कोरोना सेंपलिंग के लिए निजी लैब के भरोसे हैं, जहां जांच के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। इधर जिला अस्पताल समेत 8 स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की जांच बंद होने के बाद सीएमएचओ ने अस्पतालों को सैंपलिंग जारी रखने के निर्देश जारी किए हैं।
इन केंद्रों पर नहीं हो रही सेंपलिंग
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल रांझी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनमोहन नगर, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोलीपाथर, आधारताल, सुभाषनगर, संजय नगर और गुप्तेश्वर, संजीवनी क्लीनिक पिपरिया के प्रभारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना सेंपलिंग नहीं होने के चलते वरिष्ठ अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की थी।
स्टाफ नर्स लें नमूना, आईडी भी जनरेट करें
सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों को इस बात के निर्देश दिए गए हैं पूर्व की भांति ही फीवर क्लीनिक संचालित किया जाए और सेंपलिंग संस्था में कार्यरत नियमित लैब टेक्नीशियन अथवा स्टाफ नर्स के द्वारा की जाए। सेंपलिंग की एसआरएफ आईडी भी उन्हें के द्वारा जनरेट की जाएगी।
इस तरह घटी सेंपलिंग
1 अप्रैल- 854
2 अप्रैल- 390
3 अप्रैल- 347
4 अप्रैल - 275
5 अप्रैल- 210
6 अप्रैल- 297
7 अप्रैल- 301
9 निजी लैब कर रहीं कोरोना जांच
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी लैब्स की जांच को लेकर अभियान चलाया गया था और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विभिन्न लैब्स में अनियमिताएं पाए जाने के बाद कार्रवाई की थी। उस वक्त सभी निजी लैब्स में कोविड जांच बंद कर, दस्तावेजों के सत्यापन कराए गए थे। सूत्रों के अनुसार जिले में फिलहाल 9 निजी लैब्स कोविड की जांच कर रहीं हैं। रोजाना हो रही कुल सेंपलिंग का एक बड़ा हिस्सा इन्ही लैब्स के भरोसे है।
सेंपल हो गया पर पंजीयन कौन करे?
सूत्र बताते हैं कि अगर संदिग्ध फीवर क्लीनिक पर सेंपल दे भी आए, तो सेंपल की एसआरएफआईडी जनरेट करने के लिए अब अमला नहीं है। जो आयुष-डेंटल चिकित्सक इस कार्य में लगे थे,उन्हें हटा दिया गया है। जिले में 90 से ज्यादा चिकित्सक इस कार्य में लगे थे, लेकिन अब कुछ ही फीवर क्लीनिकों पर गिने-चुने चिकित्सकों के भरोसे यह कार्य हो रहा है।
Created On :   7 April 2022 10:47 PM IST