'भ्रष्टाचार' की नहर से रिस रहा पानी, फसल खराब होने से किसान परेशान

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । रानी अवंती बाई सागर नहर परियोजना के तहत निर्मित नहरों की घटिया स्थिति का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। नहर टूटने और सीपेज की शिकायतों का निराकरण नहीं हो रहा और किसान अपनी फसलों को बर्बाद होता देख रहा है। गोटेगांव तहसील के मौजा लुहारी के चार किसान तो ऐसे हैं जिनके 24 एकड़ खेत में नहर का पानी गत 5 वष से भर रहा है, लेकिन इसका निराकरण आज तक नहीं हुआ। गत सप्ताह पुन: नहर फूटने से खड़ी फसल नष्ट हो गई। संबंधित किसान एक बार फिर शासन-प्रशासन के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है परंतु विभागीय उदासीनता का क्रम जारी है।
गौरतलब है कि नहर से जुड़ी शिकायतों का अंबार प्रतिवर्ष खरीफ और रबी के सीजन में लगता है। सीएम हेल्पलाइन जैसे महत्वपूर्ण फोरम में भी औपचारिकता निभाते हुए पीडि़त किसानों को संतुष्ट करने का कुचक्र चलाया जाता है।
4 किसान 24 एकड़
लुहारी के किसान ऋषिराज पटेल, विश्राम पटेल, अमित पटेल, राजेश पटेल के खेत से होकर मचवारा डिस्ट्रिक्ट नहर निकली है। नहर की जद से इन किसानों लगभग 24 एकड़ खेती आती है। गत 24 नवंबर को नहर फूटने से इस रकबे में लगा गन्ना सहित अन्य फसलें डूब गईं हैं।
पांच साल से परेशान
नहर का पानी खेतों में भरने का इन किसानों के सामने यह पहला मसला नहीं है। पिछले पांच वर्ष में ऐसी घटनाएं जब-तब होती रही और किसानों को अंतत: बर्बादी हाथ लगी।
कार्रवाई तक नहीं
वर्ष 2012 में नहर फूटने पर हुए नुकसान की भरपाई और नहर के मरम्मत की मांग किसानों द्वारा सीएम हेल्पलाइन में की गई थी। शिकायत का निराकरण करते हुए डिस्नेट संभाग नरसिंहपुर द्वारा प्रांक्कलन प्रस्तुत करते हुए मंजूरी उपरांत नहर में सुधार का आश्वासन दिया गया था।
न प्रांक्कलन मंजूर, न ही सुधार
लगभग पांच वर्ष गुजरने के बाद भी न तो प्रांक्कलन मंजूर हो सका और न ही नहर में कोई सुधार हुआ है। हालात यह है कि खेत तालाबों में तब्दील है और फसल डूबी हुई है।
निर्माण में खराबी
बताया गया है कि इस स्थान विशेष पर नहर निर्माण में खराबी है, नहर एक तरफ झुकी हुई है, जिससे पानी ओव्हर फ्लो होकर भी खेतों में जाता है। नहर में ऊगे कचरा और घास-फूंस भी पानी के फ्लों को प्रभावित करते हैं।
.jpeg)
.jpeg)
.jpeg)
.jpeg)
Created On :   30 Nov 2017 1:28 PM IST