अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते को मिली राहत - एसटी आंदोलन में शामिल होने बार काउंसिल ने शुरु की अनुशासनात्मक कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते को राहत प्रदान की है। सदावर्ते ने खुद के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) की ओर से शुरु की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने मामले से जुड़ी याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि बीसीएमजी सदावर्ते के खिलाफ की गई शिकायत पर फिलहाल आगे कोई कार्रवाई न करे। इसके साथ ही सदावर्ते को 18 मार्च को बीसीएमजी के सामने शिकायत को लेकर रखी गई सुनवाई के दौरान हाजिर होने की जरुरत नहीं हैं। बीसीएमजी ने अधिवक्ता सदावर्ते के खिलाफ सार्वजनिक जगह पर कालाकोट व बैंड पहनकर एसटी महामंडल के आंदोलन में शामिल होने को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरु की है। क्योंकि यह बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से बनाए गए नियमों का उल्लंघन है और वकीलों की कार्यशैली को लेकर तय की गई नैतिकता के मापदंड़ो विपरीत है। बीसीएमजी ने अपनी कार्रवाई के लिए मराठा आरक्षण व महाराष्ट्र राज्य रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की कानूनी लडाई के दौरान सदावर्ते की ओर से मीडिया के सामने दिए गए दुर्भावनापूर्ण व अप्रिय बयानोंको आधार बनाया है। गौरतलब है कि एसटी महामंडल की हड़ताल के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के घर के बाहर हुए हंगामे के मामले में भी सदावर्ते को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में सदावर्ते को जमानत मिल गई थी। याचिका में सदावर्ते ने दावा किया है कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उनके खिलाफ शिकायत की गई है और उन पर आधारहीन आरोप लगाए गए हैं।
Created On :   15 March 2023 8:26 PM IST