विवाह का वादा कर यौन संबंध बनाने वाले को जमानत देने से कोर्ट का इंकार

Court rejected the bail plea of accused, harassing a girl with fake promise
विवाह का वादा कर यौन संबंध बनाने वाले को जमानत देने से कोर्ट का इंकार
विवाह का वादा कर यौन संबंध बनाने वाले को जमानत देने से कोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। विवाह का वादा कर यौन संबंध बनाने वाले आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि गलतफहमी पर आधारित सहमति को वैध सहमति नहीं माना जा सकता है। हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति की एक महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी एक शख्स की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए यह बात कही है। इससे पहले आरोपी को निचली अदालत ने भी जमानत देने से इंकार दिया था। लिहाजा आरोपी सुनील भोर ने हाईकोर्ट में अपील की थी।  

यह है मामला
जस्टिस इंद्रजीत महंती व जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच के सामने आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनिकेत निकम ने कहा कि मेरे मुवक्किल व दुष्कर्म की शिकायत करने वाली महिला ने आपसी सहमति के साथ संबंध बनाए थे। वहीं सरकारी वकील वीबी देशमुख ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता से वादा किया था कि वह उसके साथ शादी करेगा इसलिए उसने संबंध बनाने की सहमति दी थी। इसके अलावा पीड़िता ने आरोपी से कहा था कि वह निम्न वर्ग की है। जबकि आरोपी उच्च वर्ग का है।

पीड़िता ने उस दौरान दोनों के बीच का अंतर बताया था। इस पर आरोपी ने कहा कि वह पीड़िता का शादी के बाद ख्याल रखेगा। इसके बाद पीड़िता ने आरोपी के साथ यौन संबंध की सहमति दी थी। लेकिन कुछ समय बाद आरोपी पीड़िता को शादी की बात करने पर उपेक्षित करने लगा। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के अलावा एट्रोसिटी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने भारतीय दंड संहिता की धारा 90 का हवाला देते हुए कहा कि गतलफहमी पर आधारित सहमति को वैध सहमति नहीं माना जा सकता है। इसलिए आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है।

Created On :   23 Feb 2019 12:46 PM GMT

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