दैनिक वेतन भोगियों को भी 62 वर्ष तक नौकरी करने का हक

Daily wage earners also have the right to work for 62 years
दैनिक वेतन भोगियों को भी 62 वर्ष तक नौकरी करने का हक
दैनिक वेतन भोगियों को भी 62 वर्ष तक नौकरी करने का हक

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस अंजुली पालो की डिवीजन बैंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी 62 वर्ष तक नौकरी करने का हक है, उन्हें 60 वर्ष में सेवानिवृत्त नहीं किया जा सकता है। डिवीजन बैंच ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए डॉ. हरि सिंह गौर केन्द्रीय  विश्वविद्यालय सागर की ओर से दायर अपील खारिज कर दी है। डॉ. हरि सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर की ओर से अपील दायर कर एकल पीठ के उस निर्णय को चुनौती दी गई है, जिसमें एकल पीठ ने निर्णय दिया है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 62 वर्ष के पहले सेवानिवृत्त नहीं किया जा सकता है। अपील में कहा गया कि नियमित कर्मचारियों को एक निर्धारित भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किया जाता है, लेकिन  दैनिक वेतन भोगी और मस्टर रोल कर्मचारियों के लिए भर्ती प्रक्रिया नहीं होती है। इसलिए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सेवा लाभ नहीं दिए जा सकते हैं। दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की ओर से अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव, दिनेश उपाध्याय और एलटी चौरसिया ने तर्क दिया कि  दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी नियमित कर्मचारियों के समान कार्य करते हैं, इसलिए उनकी सेवानिवृत्ति आयु समान होनी चाहिए। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अपील खारिज कर दी है।
 

Created On :   13 Nov 2020 8:32 AM GMT

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