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नागपुर कलेक्टर कार्यालय में हुआ वोटिंग मशीनों का डेमो, 591 खराब कंपनी को लौटाईं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल होने वाले वीवीपैट को लेकर कलेक्ट्रेट में डेमो कर जनजागृति की शुरुआत की गई। जिलाधीश अश्विन मुदगल ने बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट मशीन की जानकारी देते हुए बताया कि जनजागृति अभियान 51 दिन चलेगा। जिले में 3951 जगह इन मशीनों का डेमो होगा। मतदाता इन मशीनों का इस्तेमाल कर अपनी शंका दूर कर सकते हैं। मतदाता ने मत किसे दिया, यह 7 सेकंड तक वीवीपैट के स्क्रीन पर देखा जा सकता है। ये मशीनें फुल प्रूफ होने का दावा किया गया।
जिलाधीश मुदगल ने मशीनों का डेमो कर दिखाया। नागपुर और रामटेक लोकसभा निर्वाचन के लिए जिले को चुनाव आयोग के निर्देश पर 9436 बैलेट यूनिट, 5484 कंट्रोल यूनिट व 5486 वीवीपैट मशीनें मिली हुई है। 11 सितंबर से 18 दिसंबर तक कलमना में इन मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) हुई है, जिसमें 89 बैलेट यूनिट, 127 कंट्रोल यूनिट और 375 वीवीपैट मशीनें कुल 591 मशीनें खराब पाई गईं, जिसे बेंगलुरु में भारत इलेक्ट्रिकल लिमिटेड को वापस भेज दिया गया है। मतदाताओं में कोई भ्रम न रहे, इसलिए जनजागृति कार्यक्रम में 25 टीमें लगाई गई है। एक टीम में 6 लोग है, जो जिले (शहर व ग्रामीण) में 3915 जगह इसका डेमो करके लोगों को इसमें शामिल करेंगे। जिले में कुल 4382 पोलिंग बूथ है। अधिकांश बूथ में जनजागृति कार्यक्रम होगा।
गर्मी से कोई लेना-देना नहीं
मुदगल ने कहा कि तापमान बढ़ने या गर्मी से मशीनों पर कोई असर नहीं है। गर्मी या तापमान बढ़ने से मशीनें बंद होने की जो बातें उठी थी, दरअसल वह मिस हैंडलिंग का परिणाम था। वीवीपैट की मिस हैंडलिंग से मशीनें काम नहीं कर रही थी। बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट व वीवीपैट में पड़ी पर्ची की गिनती मैच की जाएगी।
72 हजार वोट कटेंगे
मतदाता सूची में नाम जोड़ने व काटने का काम जारी है। अभी तक विविध कारणों से 72 हजार वोट कम किए जाएंगे। मृत्यु होने, शहर से बाहर जाने या दूसरी जगह नाम जोड़ने से नाम काटे जा रहे है। इसी तरह नए मतदाता के तौर पर 2 लाख आवेदन आए है। आनलाइन पध्दति से नाम जोड़ा जा सकता है।
एफएलसी में सभी पार्टियों ने लिया हिस्सा
कलमना में 11 सितंबर से 18 दिसंबर तक चली फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) में सभी राननीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। शिव सेना सांसद कृपाल तुमाने भी एफएलसी में शामिल हुए थे। कंपनी के इंजीनियर चुनाव के दौरान भी उपलब्ध रहेंगे, ताकि कोई तकनीकी समस्या होने पर उसका निराकरण कर सके। मशीने एम-3 टाइप की है, जो नई होने के साथ ही पहली बार इन मशीनों का इस्तेमाल होगा।
Created On :   3 Jan 2019 4:30 PM GMT