सतना में छात्रा से छेडख़ानी के आरोपी शिक्षक की विभागीय जांच!

Departmental inquiry of teacher accused of molesting student in Satna!
सतना में छात्रा से छेडख़ानी के आरोपी शिक्षक की विभागीय जांच!
सतना सतना में छात्रा से छेडख़ानी के आरोपी शिक्षक की विभागीय जांच!

 डिजिटल डेस्क  सतना। शिक्षा के सरकारी मंदिरों में ऐसी शर्मसारी , यहां इससे पहले कभी देखी नहीं गई।  अंधेरगर्दी किस कदर है, अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैहर में ११ वीं कक्षा की एक छात्रा से सरेआम छेडख़ानी  के आरोपी शिक्षक  विनोद तिवारी के खिलाफ विभागीय जांच की जिम्मेदारी जिस २ सदस्यीय जांच टीम को सौंपी गई है, उसी टीम में  शामिल मैहर के प्रभारी बीईओ और कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य चंद्रभान सिंह के खिलाफ पहले से ही एक शिक्षिका के यौन उत्पीडऩ का अपराध दर्ज है। आरोपी प्राचार्य के खिलाफ आईपीसी की दफा ३५४ ए, ३५४ डी और ५०९ के तहत कायमी के साढ़े ४ वर्ष बाद भी आरोपी न केवल प्राचार्य पद पर पदस्थ है बल्कि ब्लाक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के पद पर भी अतिरिक्त रुप से उपकृत भी है। 
कलेक्टर का आदेश रद्दी की टोकरी:———
+ डीई भी अंतत: ठंडे बस्ते में 
जानकारों ने बताया कि बालक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैहर में अध्ययनरत ११ वीं कक्षा की एक छात्रा से छेडख़ानी के आरोप में शिक्षक विनोद तिवारी के खिलाफ मैहर थाने में पिछले साल ३ मार्च को आईपीसी की धारा-354, 9 और 10 के तहत अपराध दर्ज होने के बाद तबके कलेक्टर अजय कटेसरिया ने 
एक आदेश (क्रमांक- 188/शिक्षा/निलं./2021 सतना, दिनांक 1 अप्रैल 2021
) के तहत जहां आरोपी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए थे।  अजब -गजब यह है डीईओ कार्यालय ने विभागीय जांच के लिए जो टीम बनाई उसमें सहायक संचालक एनके सिंह के साथ कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य और मैहर के प्रभारी बीईओ चंद्रभान सिंह को भी शामिल कर लिया गया। 
कमाल है,डीईओ को कुछ पता नहीं:-
आरोप है कि इन दोनों ने मिलकर अंतत: कलेक्टर के विभागीय जांच संबंधी आर्डर को ही पलट दिया।  सहायक संचालक एनके सिंह और प्राचार्य चंद्रभान सिंह ने बड़ी चतुराई से इस तर्क के साथ जरिए डीईओ , कलेक्टर से मार्गदर्शन मांग कर जांच बंद कर दी कि प्रकरण पर पहले से ही मैहर थाने में अपराध दर्ज है। जबकि कलेक्टर ने ३० दिन के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले का एक हैरतंगेज पहलू तो यह भी है कि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ)
सच्चिदानंद पांडेय को इस संबंध में कुछ पता ही नहीं है। 
निलंबन की जगह अतिरिक्त प्रभार:— 
छात्रा से छेडख़ानी के  शिक्षक  विनोद तिवारी के खिलाफ अपराध दर्ज होते ही जहां कलेक्टर ने  आरोपी को तत्काल निलंबित कर दिया था,वहीं शिक्षिका के यौन उत्पीडऩ के आरोपी प्राचार्य चंद्रभान सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज होने के साढ़े ४ वर्ष बाद निलंबन की कार्यवाही करना तो दूर उसे स्कूल से हटाने तक की जरुरत नहीं समझी गई, जिस स्कूल में पीडि़ता भी पदस्थ है। इतना ही नहीं जिस प्राचार्य के विरुद्ध थाने में शिक्षिका के यौन शोषण का अपराध दर्ज हो उसी दागी प्राचार्य को बीईओ का अतिरिक्त प्रभार सौंप कर उपकृत भी कर दिया गया। हद तो तब हो ही गई जब एक ऐसी जांच दे दी गई जिसका आरोप पहले से ही प्रभारी प्राचार्य पर है। आरोप यह भी सच जानने के बाद भी डीईओ सच्चिदानंद और सहायक संचालक एनके सिंह ने भी शर्मनाक चुप्पी साध रखी है।

Created On :   29 Jan 2022 11:12 AM GMT

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