वारिसों को अपनी मर्जी के मुताबिक रखने के लिए स्वतंत्र हैं बुजर्ग

Elders are free to keep heirs as they wish
वारिसों को अपनी मर्जी के मुताबिक रखने के लिए स्वतंत्र हैं बुजर्ग
वारिसों को अपनी मर्जी के मुताबिक रखने के लिए स्वतंत्र हैं बुजर्ग

वारिसों से प्रताडि़त बुजुर्ग के मामले पर हाईकोर्ट का फैसला, संपत्ति से बेदखल करने के आदेश को सही ठहराया
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
एक अहम फैसले में हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि कोई भी बुजुर्ग अपनी संपत्ति पर वारिसों को अपनी मर्जी के मुताबिक रखने के लिए स्वतंत्र हैं। सिनियर सिटीजन अपीलीय अधिकरण द्वारा एक प्रताडि़त बुजुर्ग की संपत्ति से उसके वारिसों को बेदखल करने के आदेश को सही ठहराते हुए जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने यह फैसला दिया।
प्राधिकरण के सचिव शरद भामकर ने बताया कि बुजुर्ग बलजीत भाटिया अपने वारिसो से प्रताडि़त थे और वे उन्हें बेदखल करना चाहते थे। उनकी शिकायत के आधार पर उनका प्रकरण तैयार कराकर सीनियर सिटीजन अधिकरण में दायर किया गया। वहां पर राहत न मिलने पर मामला सीनियर सिटीजन अपीलीय अधिकरण में पेश कराया गया। अपीलीय अधिकरण ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बलजीत भाटिया को राहत देते हुए उनके संपत्ति से उनके वारिस को बेदखल करने के आदेश दिए थे। इसी आदेश को चुनौती देकर पुत्र ने हाईकोर्ट में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के सचिव राजीव कर्महे के माध्यम से यह मामला दायर किया गया था। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अपीलीय अधिकरण के आदेश को सही ठहराते हुए पुत्र की याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।
 

Created On :   16 Feb 2020 6:21 PM IST

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