दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे कर्मचारी, आंदोलन के कारण शासकीय कार्यालय रामभरोसे
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर राज्य सहित स्थानिक स्वराज्य संस्था के कर्मचारी मंगलवार 14 मार्च से बेमियादी अनशन पर है। इस आंदोलन पर शासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से 15 मार्च को भी यह आंदोलन शुरू रहा। इस आंदोलन में लगभग सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए हैं। जिससे सरकारी कार्यालय भी सुनसान नजर आए। वहीं काम के लिए आनेवाले नागरिकों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। हड़ताल के कारण अधिकांश कार्यालय राम भरोसे नजर आए। बता दें कि राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन महाराष्ट्र राज्य के नेतृत्व में विविध संगठन एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में सभी शासकीय विभागों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया है। जिससे बुधवार की सुबह से ही जिलाधिकारी कार्यालय, जिला परिषद, पंचायत समिति, प्रशासकीय इमारत सहित अन्य सरकारी कार्यालयों के दफ्तर बिना कर्मचारियों के ही नजर आए। ऐसे में कामकाज के लिए आनेवाले नागरिक बैरंग लौटते भी दिखाई दिए।
कलेक्ट्रेट के समक्ष दिया धरना : कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू हो, इस प्रमुख मांग को लेकर शासन का ध्यानाकर्षण करने के लिए कर्मचारी 14 मार्च से ही बेमियादी आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान जिले के सभी कर्मचारियों ने एकजुट होकर जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
मार्च एंडिंग के काम प्रभावित : फिलहाल सभी सरकारी कार्यालयों में मार्च एंडिंग के काम का नियोजन शुरू है। सरकारी विभागांे को प्राप्त निधि मार्च के पहले ही खर्च करने का नियोजन किया जाता है। लेकिन मंगलवार से कर्मचारी आंदोलन पर चले जाने से मार्च एंडिंग के काम प्रभावित हुए हैं। जिसकी वजह से जिले के विकास कामों पर विपरीत असर पड़ रहा है।
यह हैं प्रमुख मांगें : नई पेंशन योजना रद्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, अंशकालीन संविदा व रोजंदारी कर्मचारियों की सेवा नियमित करने,सभी रिक्त पदों को तत्काल भरने, अनुकंपा तत्व की नियुक्तियां बिना शर्त करने, चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों के मंजूर पद निष्काशित करने, नई शिक्षा नीति रद्द करने, पिछड़ावर्गीय कर्मचारियों की पदोन्नति शुरु करने, उत्कृष्ट काम के लिए वेतन बढ़ोतरी दिया जाए, पेंशन में अतिरिक्त बढ़ोतरी करने की मांग का समावेश है।
Created On :   16 March 2023 4:52 PM IST