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गडकरी की दैनिक भास्कर से खास बातचीत- बातों ही बातों में पाकिस्तान को चेताया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा है कि चुनाव के समय कुछ लोग केवल राजनीतिक शिगुफे छोड़ने लगते हैं। समाज में भेद का प्रयास किया जाता है। लिहाजा नागरिकों को सजग रहना होगा। विकास की राजनीति पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि नागपुर बदल रहा है, महाराष्ट्र व देश बदल रहा है। विकास मामले में उन्होंने जो लक्ष्य तय कर रखा है उस दिशा में वे सारा प्रयास कर रहे हैं। कई मसलों पर चुनिंदा सवालों के साथ दैनिक भास्कर से उन्होंने खुलकर चर्चा की। प्रस्तुत है चर्चा के अंश।
मैं पहले ही कह चुका हूं, इस बार मैं नाममात्र के लिए चुनाव लड़ूंगा। कार्यकर्ता ही उम्मीदवार के तौर पर रहेंगे। कार्यकर्ताओं पर पूरा विश्वास है। जनता के विश्वास पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया है। नागपुर बदल रहा है। देश बदल रहा है। नागपुर में विकास के जो वादे किए थे उनमें से 90 प्रतिशत पूरे कर चुका हूं। 5 साल में यहां 70 हजार करोड के विकास कार्य कराए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की स्व संकल्पना को पूरा करना चाहता हूं। 350 खेल मैदान बनाए जाएंगे। डेढ़ सौ बच्चें उनमें खेल पाएंगे। सांस्कृतिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाया गया। सुरेश भट सभागृह का निर्माण उसी का हिस्सा है। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए खासदार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। डेढ़ लाख महिलाओं का स्वास्थ्य जांच कराया गया है। 4 अस्पताल चला रहा हूं। एम्स व अन्य उच्च शिक्षा संस्थाएं लायी है। 50 हजार रोजगार दिलाने की दिशा में काम किया है। मिहान में 25 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में काम किया है। नए एयरपोर्ट के लिए जल्द निविदा निकाली जाएगी। गोरेवाड़ा में रेमंड की स्कूल आनेवाली है। विदर्भ विकास पर जोर दिया गया है। विदर्भ में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए है। अकेले अमरावती विभाग में 6 हजार करोड के सिंचाई विकास कार्य किए जा रहे हैं।
सवाल-कांग्रेस ने कहा है कि नागपुर मेट्राे का जल्दबाजी में उद्घाटन हुआ तो हादसे की संभावना बढ़ जाएगी।
जवाब- जिनको विकास सहन नहीं हो पाता है, वो पतंगेबाजी करने लगते हैं। नागपुर मेट्रो को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मेट्रो को लेकर सिक्यूरिटी नार्मस का पूरा पालन होगा। सभी आवश्यक सेक्सन का सर्टिफिकेट मिलने पर ही मेट्रो का उद्घाटन होगा।
सवाल-भीमा कोरेगांव मामले के राजनीतिक प्रभाव पर क्या कहेंगे।
जवाब- कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। कुछ लोग समाज भेद व टकराव का प्रयास करते हैं। चुनाव के समय ऐसे प्रयास और भी तेज हो जाते हैं। जनता से आव्हान करता हूं कि सचेत रहे।
सवाल- प्रस्तावित नाणार परियोजना को लेकर राज्य सरकार ने अधिसूचना वापस ले ली। कहा जा रहा है,भाजपा शिवसेना के सामने झुक गई।
जवाब-इस संबंध में मुझे अधिक जानकारी नहीं। राज्य का मामला है। मुख्यमंत्री जवाब देंगे।
सवाल-भाजपा शिवसेना के बीच गठबंधन की निर्णायक बैठक में आप शामिल नहीं थे। आपकी अनुपस्थिति को लेकर भी राजनीतिक सवाल उठ रहे हैं।
जवाब-मैं केंद्रीय राजनीति में हूं। लिहाजा महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ चर्चा में मेरा उपस्थित रहना आवश्यक नहीं है। लेकिन संगठनात्मक मामले में हम सबकी सहमति रहती है। शिवसेना से गठबंधन में संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मेरे से चर्चा की थी।
सवाल- खबर है, गंगा परियोजना के लिए केंद्र ने विकास निधि में कटौती की है।
जवाब-बिल्कुल नहीं। पर्याप्त निधि है। गंगा के तमाम प्रकल्प निर्धारित समय पर पूरे होंगे।
सवाल-प्रयागराज में अर्धकुंभ को लेकर राजनीति का आरोप भी लग रहा है। कुंभ से कहीं अधिक लोग जुट रहे है। कहते हैं, सरकार धन का दुरुपयोग कर रही है।
जवाब-ऐसा कुछ नहीं है। गंगा नदी का शुद्धीकरण किया गया है। शुद्ध नदी में नहाने का आनंद लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि इस बार पहले की तुलना में अधिक प्रतिसाद मिल रहा है।
सवाल-आपने पाकिस्तान का पानी रोकने को कहा। आपके समर्थन में होर्डिंग्स लगे कि खून का बदला पानी रोककर लिया। कुछ लोग कहते हैं,पानी तो रुका नहीं ,पानी की राजनीति की जा रही है।
जवाब-पाकिस्तान के अधिकार का पानी अब तक नहीं रोका गया है,न ही ऐसा कुछ मैंने कहा है। विभाजन के समय 3 नदी भारत व 3 पाकिस्तान को मिली थी। 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु व पाकिस्तान के प्रशासकीय प्रमुख अयूब खान के साथ जो करार अर्थात अनुबंध हुआ था उसके अनुसार पानी में हिस्सेदारी होना चाहिए। फिलहाल हमारे हिस्से का जो पानी पाकिस्तान में जा रहा है उसे रोक रहे हैं। अभी तक पाकिस्तान के अधिकार का पानी रोकने की कोई बात नहीं हुई है। लेकिन नेहरु व खान के बीच करार में यह भी उल्लेख है कि सामंजस्य,प्रेम,समन्वय व पारिवारिक भावना रहना चाहिए। पाकिस्तान बम के गोले फेंकते रहे तो पानी करार का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। ऐसे ही चलते रहा तो पूरा पानी रोकने के बारे में सोचेंगे। पाकिस्तान मामले में पानी तो क्या किसी भी मामले में राजनीति नहीं हो सकती है।
Created On :   4 March 2019 4:12 PM IST