अपने आवास के अलावा कहीं और निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते सरकारी डॉक्टर

Government doctors cannot practice private practice anywhere other than their residence
अपने आवास के अलावा कहीं और निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते सरकारी डॉक्टर
अपने आवास के अलावा कहीं और निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते सरकारी डॉक्टर

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाल ही में सिंगरौली के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) द्वारा 9 सरकारी डॉक्टर्स को आवासों के अलावा क्लीनिकों या निजी अस्पतालों में प्राइवेट प्रैक्टिस करने पर नोटिस जारी किए गए हैं। नियमों का हवाला देकर कहा गया है कि वे सिर्फ अपने आवासों पर ही निजी प्रैक्टिस के तहत केवल परामर्श सेवाएँ ही दे सकते हैं। इन नियमों पर गौर किया जाए तो जिले के अधिकांश सरकारी डॉक्टर्स इसकी अवहेलना के दायरे में आते हैं। हालाँकि यहाँ जिम्मेदारों का कहना है कि सिंगरौली सीएमएचओ को इस मामले के कोर्ट में चलने की जानकारी नहीं होगी, जिसके कारण उन्होंने नोटिस जारी िकए हैं। 
मप्र उपयार्यगृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएँ अधिनियम 1973 और 1997 में यह प्रावधान है कि जिले के सरकारी डॉक्टर्स (स्वास्थ्य विभाग) निजी प्रैक्टिस अपनी ड्यूटी अवधि के बाद सिर्फ आवासों पर ही कर सकते हैं। इसमें भी वे केवल परामर्श ही दे सकेंगे तथा खुद या परिजनों के नाम पर निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम या निजी अस्पताल नहीं चला सकते। आवासों के अलावा अन्य किसी निजी संस्थान में परामर्श सेवाएँ भी नहीं दी जा सकती हैं। आवासों में प्रैक्टिस के दौरान वे मूलभूत उपकरणों में स्टेथोस्कोप, बीपी-ईसीजी मशीन ही रख सकेंगे, अन्य मशीनें जिनके लिए अलग से लाइसेंस जरूरी होते हैं जैसे एक्स-रे, सोनोग्राफी, ईको-कॉर्डियोग्राफी, निवासों पर भी अपने या परिजनों के नाम पर वे नहीं लगवा सकते। इनके साथ ही सर्जरी में उपयोग होने वालीं मशीनें यहाँ तक कि डेंटल चेयर भी प्रतिबंधित है, वहीं पैथोलॉजी, बायोकैमेस्ट्री जाँचों के लिए भी वे कोई उपकरण नहीं रख सकते हैं। 
यहाँ तो हर दूसरा कर रहा उल्लंघन
यदि इन नियमों का हवाला देकर सीएमएचओ सिंगरौली के नोटिस को सही माना जाए तो जिला अस्पताल का हर दूसरा डॉक्टर इसका उल्लंघन कर रहा है। अधिकांश की आवासों से अलग प्राइवेट क्लीनिकें हैं, तो परिजनों के नाम पर अस्पताल संचालित करने वाले भी हैं। सोनोग्राफी और पैथोलॉजी सेंटर चनोटिस
मामला अभी कोर्ट में है
ट्टसिंगरौली सीएमएचओ को शायद इस बात की जानकारी नहीं हो कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है। सरकारी डॉक्टर्स को एनपीए का लाभ नहीं मिल रहा, वहीं इन नियमों में लगाई गई बंदिशें भी काफी सख्त हैं। इस प्रकरण में न्यायालय का जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा, तब तक सरकारी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। 
-डॉ. मनीष मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
 

Created On :   2 March 2020 1:55 PM IST

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