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बिड़ला सीमेंट को लीज पर दी गई सरकारी जमीन जांच के दायरे में, पड़ताल करेगी 4 सदस्यीय टीम
डिजिटल डेस्क सतना। शहर के अंदर घूरडांग स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया में जुलाई 2008 में सीमेंट प्लांट के विस्तार (सीमेंट एवं क्ंिलकर उत्पादन) के लिए आराजी नंबर-172 पर उद्योग विभाग द्वारा आवंटित की गई 8.54 एकड़ लीज अंतत: जांच के दायरे में है। रघुुराजनगर के तहसीलदार बीके मिश्रा ने नायब तहसीलदार आशुतोष मिश्रा के नेतृत्व में 4 सदस्यीय जांच टीम बनाई है। जांच दल में राजस्व निरीक्षक योगेश तिवारी और नजूल के राजस्व निरीक्षक विश्वनाथ सोनी के अलावा घूरडांग हल्के के बहुचर्चित पटवारी रामसुजान को भी शामिल किया गया है। जांच टीम 7 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उल्लेखनीय है, इस सिलसिले में नगर निगम प्रशासन ने रघुराजनगर के एसडीएम को पत्र लिख कर सीमांकन के साथ-साथ लीज शर्तों का परीक्षण कराए जाने की जरुरत जताई थी।
क्या है पूरा मामला :----------
जुलाई 2008 में शहर के अंदर घूरडांग स्थित इंड़स्ट्रीयल एरिया में बिड़ला सीमेंट प्रबंधन को इस शर्त के साथ 8.54 एकड़ लीज (आराजी नंबर-172) 30 वर्ष के लिए आवंटित की गई थी कि प्रबंधन 3 वर्ष के अंदर इस भूमि का उपयोग सीमेंट प्लांट के विस्तार (सीमेंट एवं क्ंिलकर उत्पादन) के लिए करेगा। मगर, युवा समाजसेवी ऋषिराज सिंह ने हाल ही में इस आरोप के साथ बिड़ला सीमेंट प्रबंधन की पोल खोल दी कि अनुबंध की शर्त को तोड़ते हुए न केवल बिड़ला प्रबंधन ने भूमि का प्रयोजन बदल कर लीज की उक्त भूमि पर भूसी प्लांट की स्थापना कर दी बल्कि प्रदूषित प्लास्टिक कचरा भी डंप किया जाने लगा। इतना ही नहीं भूसी प्लांट की स्थापना और उसकी बाउंड्री के निर्माण के लिए बिड़ला प्रबंधन ने नगर निगम से नियमों के तहत अनुमतियां भी नहीं प्राप्त कीं।
ऐसे आई तेजी :------------
उक्त शिकायत की जांच के सवाल पर पहली बार तेजी तब आई जब 16 जनवरी को रघुराजनगर के एसडीएम ने उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के प्रभारी एजीएम आरके सिंह को पत्र (क्रमांक/09/अनु. अधि./2020) को लिख कर स्पष्ट किया कि घूरडांग के वार्ड नंबर-11 की आराजी नंबर 172 में बिड़ला प्रबंधन द्वारा अवैध रुप से बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया गया है। भूसी प्लांट से धूल-डस्ट निकल रही है। प्रदूषण फैल रहा है और बिड़ला प्रबंधन द्वारा कराया गया लीज आवंटन अवैध है। एसडीएम ने इस संंबंध में डीआईसी के एजीएम को आवश्यक कार्यवाही करने की हिदायत भी दी मगर, डीआईसी के एजीएम आरके सिंह दम साध कर बैठ गए। इसी बीच नगर निगम के स्थल निरीक्षण में भी प्रथम दृष्टया बाउंड्रीवाल का निर्माण मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1955 के विरुद्ध पाया गया। बाउंड्री एवं अन्य निर्माणों के लिए न तो भवन अनुज्ञा एवं मानचित्र स्वीकृत कराया गया था और न ही निर्माण संबंधी अनुमति ली गई थी। लिहाजा नगर निगम प्रशासन ने इस मामले में रघुराजनगर के एसडीएम को पत्र लिख कर उक्त विवादित भूमि का सीमांकन कराए जाने की मांग की थी।
इनका कहना है :--------
बिड़ला सीमेंट प्रबंधन को लीज पर दी गई जमीन के दुरुपयोग की शिकायतों की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम बनाई गई है। टीम सीमांकन के साथ साथ लीज की शर्तों का भी परीक्षण करेगी।
बीके मिश्रा, तहसीलदार रघुराजनगर
Created On :   13 Oct 2020 12:55 PM GMT