कोर्ट में सरकार का वादा: अब जब्त होगा अवैध ऑटो तो छोड़ा नहीं जाएगा

Governments promise in court: now illegal auto will be confiscated, it will not be abandoned
कोर्ट में सरकार का वादा: अब जब्त होगा अवैध ऑटो तो छोड़ा नहीं जाएगा
हाईकोर्ट की लगातार फटकार के बाद रख पक्ष कोर्ट में सरकार का वादा: अब जब्त होगा अवैध ऑटो तो छोड़ा नहीं जाएगा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। अवैध ऑटो संचालन के मामले में हाईकोर्ट की लगातार फटकार के बाद बुधवार को सरकार ने वादा किया कि अब यदि बिना परमिट या अवैध रूप से चलने वाले ऑटो को पकड़ा जाएगा, तो उन्हें किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। दरअसल, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन खुद हाईकोर्ट में हाजिर हुए और व्यक्तिगत हलफनामा पेश किया। हालाँकि, हाईकोर्ट ने सरकार के जवाबदावे पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा िक अधिकारी केवल आदेश पारित करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं होते। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने कहा िक प्रदेश के अधिकारी अदालत के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते, इसलिए यह मामला 2013 से अभी तक लंबित है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अब आगे ऐसी हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हाईकोर्ट ने आगे की कार्रवाई पेश करने सरकार को दो सप्ताह की मोहलत दी। मामले पर अगली सुनवाई 3 जनवरी 2022 को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शहर और प्रदेश में ऑटो की मनमानी व धमाचौकड़ी और नियम विरुद्ध संचालन के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से पूछा था बिना परमिट या अवैध परमिट के ऑटो के संचालन को अनुमति ही क्यों दी जाती है।
लागू करेंगे सेंट्रल मोटर वीकल एक्ट
राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कोर्ट को बताया िक शासन आने वाले 45 दिन के भीतर सेंट्रल मोटर वीकल एक्ट 2019 लागू करने पर अंतिम निर्णय लेगी। इसके अलावा ऑटो संचालन विनियमन 2021 का खाका भी तैयार है। इसके तहत हर रूट के लिए अलग रंग का ऑटो रखने का प्रावधान है। प्रत्येक ऑटो में ट्रैक मशीन भी लगाई जाएगी। यह भी बताया कि अवैध रूप से ऑटो संचालन के खिलाफ कड़ी मुहिम चलाई जाएगी और अब सील होने के बाद ऑटो को छोड़ा नहीं जाएगा।
यह है मामला
सतीश वर्मा ने 2013 में जबलपुर सहित प्रदेश में ऑटो की धमाचौकड़ी को लेकर जनहित याचिका लगाई थी। आठ साल बाद भी हालात जस के तस हैं। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया िक ऑटो कॉन्ट्रेक्ट परमिट की बजाय कैरिज परमिट पर चल रहे हैं। तीन की बजाय ऑटो में सवारी ठूँस-ठूँस कर बैठाई जाती है। ऑटो के मॉडल में बदलाव कर अधिक सवारी बैठाने के लिए बीच में पटिया लगा दी जाती है। एक भी ऑटो मीटर से संचालित नहीं होते। ऑटो रिक्शा के खिलाफ केवल दिखावे की कार्रवाई हो रही है। ऑटो चालक मनमाना किराया वसूल करते हैं।

Created On :   8 Dec 2021 10:32 PM IST

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