टली वानखेडे की जाति प्रमाणपत्र मामले की सुनवाई

Hearing of Wankhedes caste certificate case postponed due to Corona crisis
टली वानखेडे की जाति प्रमाणपत्र मामले की सुनवाई
कोरोना संकट टली वानखेडे की जाति प्रमाणपत्र मामले की सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर महानगर में लगाई गई धारा 144 के चलते नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे की जाति प्रमाणपत्र के मामले की सुनवाई टल गई है। कोरोना को लेकर जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक 5 या इससे ज्यादा लोगों के इकठ्ठा होने पर रोक है। सरकारी कार्यालयों में लोगों को बुलाने को लेकर भी कार्यालय प्रमुख को निर्णय लेने का अधिकारी दिया गया है। इसी का हवाला देते हुए मुंबई जिला जाति प्रमाणपत्र छानबीन समिति ने मामले की सुनवाई एक महीने के लिए टाल दी है। अब अगली सुनवाई 17 फरवरी को दोपहर तीन बजे रखी गई है। इससे पहले यह सुनवाई 18 जनवरी को होनी थी। मामले में राकांपा प्रवक्ता और राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक समेत चार शिकायतकर्ता हैं। मलिक के साथ अशोक कांबले, मनोज संसारे, संजय कांबले ने भी वानखेडे के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने की शिकायत की है। मलिक का दावा है कि समीर के पिता ज्ञानदेव वानखेडे ने धर्म परिवर्तन कर लिया था और अपना नाम दाऊद रख लिया था। इस लिए वानखेडे जन्म से मुस्लिम हैं। उनका नाम समीर दाऊद वानखेडे है। वानखेडे ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि उन्होंने और उनके पिता ने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया और वे महार जाति के हैं। चारों शिकायतकर्ताओं के साथ समीर वानखेडे को भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहना था। समिति के सदस्यों के साथ सुनवाई के दौरान मौजूद लोगों की संख्या 5 से ज्यादा होनी तय थी। इसे देखते हुए ही समिति ने जाति प्रमाणपत्र की वैधता को लेकर होने वाली सुनवाई टालने का फैसला किया गया है।  
  

Created On :   17 Jan 2022 6:11 PM IST

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