विमानों के लिए खतरा है एयरपोर्ट के पास बनी ऊंची इमारतें, सरकार-बीएमसी से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विमानन क्षेत्र में सबकुछ हवाई यातायात के नियंत्रण (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) पर निर्भर रहता है। सिर्फ एक गलती से कुछ भी हो सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को मुंबई एयरपोर्ट के आसपास बनी ऊंची इमारतों के चलते विमानों के लिए पैदा हुए खतरे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त टिप्पणी की। इस मुद्दे को लेकर पेशे से वकील यशवंत शिनाय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि एयरपोर्ट के निकट निश्चित की गई ऊंचाई से अधिक ऊंची बनी इमारतों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया जाए। क्योंकि ये इमारते उडान भरनेवाली व लैंडिग करनेवाले विमानों के लिए खतरा साबित हो सकती हैं।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा सभी से जुड़ा है। इसके साथ ही खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान फिल्म अभिनेता अजय देवगन अभिनीत फिल्म ‘रनवे 34’ का भी जिक्र किया।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा कि मैंने यह फिल्म देखी है। उन्होंने कहा कि पायलट पर कुछ निर्भर नहीं होता है, सबकुछ एयर ट्रैफिक कंट्रोल पर निर्भर रहता है। खंडपीठ ने कहा कि पायलट विमान के टेकऑफ व लैडिंग से जुड़ी घोषणा देता है और तापमान की जानकारी देता है तो हमे लगता है कि सब ठीक है। लेकिन इसके अलावा कई चीजे और भी महत्वपूर्ण होती हैं। इस दौरान एक गलती से कुछ भी हो सकता है। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले को लेकर राज्य सरकार व मुंबई महानगर पालिका को हलफनामा दायर कर बताने को कहा है कि याचिका में उठाए गए मुद्दे के विषय में क्या कार्रवाई की गई है। खंडपीठ ने कहा कि हम अब हम 29 जुलाई को को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे।
Created On :   25 July 2022 8:09 PM IST