- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- हाईकोर्ट ने पूछा- आरक्षित श्रेणी के...
हाईकोर्ट ने पूछा- आरक्षित श्रेणी के कितने अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग में हुए चयनित
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पीएससी में आरक्षित श्रेणी के कितने अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग में चयनित हुए। इसके साथ ही पीएससी की भर्ती में आरक्षण का प्रतिशत भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर को निर्धारित की है।
यह है मामला-
मप्र हाईकोर्ट में 45 याचिकाएँ दायर कर पीएससी परीक्षा भर्ती नियम 2015 में 17 फरवरी 2020 को किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है। इस संशोधन के जरिए पीएससी परीक्षा में यह प्रावधान कर दिया गया है कि जो अभ्यर्थी जिस श्रेणी से परीक्षा में शामिल होगा, उसे उसी श्रेणी में माना जाएगा। याचिका में कहा गया कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को मैरिट में आने के बाद भी अनारक्षित वर्ग में शामिल नहीं किया गया। इससे पीएससी में आरक्षण 113 प्रतिशत हो गया है। याचिका में संशोधन और पीएससी परीक्षा परिणाम निरस्त करने की माँग की गई है।
परीक्षा नियम में संशोधन असंवैधानिक-
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, इंदिरा जय सिंह, रामेश्वर ठाकुर, यश सोनी और विनायक शाह ने तर्क दिया कि परीक्षा नियम 2015 में किया गया संशोधन असंवैधानिक है। परीक्षा नियम में संशोधन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी मामले में दिए गए न्याय दृष्टांत के खिलाफ है। राज्य सरकार ने परीक्षा नियम में संशोधन को भूतलक्षीय प्रभाव से लागू कर दिया है, जिसे निरस्त किया जाना चाहिए। पीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह और राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने जानकारी माँगी है कि आरक्षित श्रेणी के कितने अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में शामिल हुए।
Created On :   2 Sept 2021 9:55 PM IST