हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं कराए जा रहे केन्ट बोर्ड के चुनाव

High Court asked why Kent Board elections are not being held
हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं कराए जा रहे केन्ट बोर्ड के चुनाव
केन्द्र सरकार को जवाब पेश करने दो सप्ताह का दिया समय हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं कराए जा रहे केन्ट बोर्ड के चुनाव



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि केन्ट बोर्ड जबलपुर के चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने इस मामले में केन्द्र सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
यह है मामला-
पूर्व पार्षद अमरचंद बावरिया ने केन्ट बोर्ड के चुनाव जल्द कराए जाने की माँग को लेकर याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केन्टोनमेन्ट एक्ट के अनुसार केन्ट बोर्ड के चुनाव हर पाँच साल में कराए जाने चाहिए। 10 फरवरी 2019 को केन्ट बोर्ड जबलपुर का निर्वाचित कार्यकाल समाप्त हो चुका है। केन्टोनमेंट एक्ट के अनुसार दो बार केन्ट बोर्ड का कार्यकाल 6-6 महीने के लिए बढ़ाया गया। इसके बाद 10 फरवरी 2021 को बोर्ड भंग कर दिया गया। निर्वाचित जनप्रतिनिधि नहीं होने के कारण केन्ट बोर्ड में जनहित और जनता के काम नहीं हो पा रहे हैं।
कार्यकाल बढ़ाने का कारण बताना अनिवार्य-
अधिवक्ता आरपी कनौजिया ने तर्क दिया कि केन्टोनमेंट एक्ट की धारा 13 के अनुसार यदि केन्ट बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो अधिसूचना में कार्यकाल बढ़ाने का कारण बताना अनिवार्य है। केन्ट बोर्ड का दो बार कार्यकाल बढ़ाया गया लेकिन उसमें एक्ट के अनुसार कारण नहीं बताया गया। एकल पीठ से अनुरोध किया गया कि केन्ट बोर्ड के चुनाव कराने के लिए निर्देश जारी किए जाएँ।

Created On :   16 Aug 2021 11:08 PM IST

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