हाईकोर्ट ने शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में सेवा देने की शर्त पर दी अग्रिम जमानत

High Court granted anticipatory bail on the condition of serving as an education volunteer
हाईकोर्ट ने शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में सेवा देने की शर्त पर दी अग्रिम जमानत
हाईकोर्ट ने शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में सेवा देने की शर्त पर दी अग्रिम जमानत



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू की एकल पीठ ने कटनी जिले के एक दहेज प्रताडऩा के मामले में इस शर्त के साथ अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है कि याचिकाकर्ता को अपने क्षेत्र के सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में सेवा देनी होगी। एकल पीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता की सहमति के आधार पर दिया है।

यह है मामला
कटनी जिले के नई बस्ती निवासी भरत छावड़ा के खिलाफ कटनी कोतवाली थाने में 20 अप्रैल 2019 को दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया गया था। अधिवक्ता योगेश सोनी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता का मामले से सीधा संबंध नहीं हैं। लड़के का बहनोई होने के कारण मामले में याचिकाकर्ता को फँसाया गया है। याचिकाकर्ता कानून का पालन करने वाला समाजसेवी है, यदि उसकी गिरफ्तारी होती है तो उसकी छवि खराब होगी।

स्वच्छता और आरोग्य के लिए करना होगा काम
सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता ने एक शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में अपने निवास के निकट स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल में स्वच्छता और आरोग्य को सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक और वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ अपने कौशल और संसाधनों से उक्त स्कूल में अवसंरचनात्मक सुविधाओं की कमियों को दूर करने के लिए स्वेच्छा से सहमति प्रदान की है। याचिकाकर्ता को स्कूल का चयन करने के बाद इस संबंध में ग्राम पंचायत कार्यालय या वार्ड अधिकारी को सूचित करना होगा।

Created On :   6 May 2021 5:05 PM GMT

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