Jabalpur News: दबे पैरों से उजाला आ रहा है, फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है

दबे पैरों से उजाला आ रहा है, फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है
"क से ग' में खूब गूंजे गीत-गजलों के स्वर...देश के कोने-कोने से पहुंचे दिग्गज रचनाकार

Jabalpur News: दबे पैरों से उजाला आ रहा है, फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है...गीतकार यश मालवीय ने जैसे ही इस गीत की प्रस्तुति दी, पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। यह नजारा था संस्कृति थिएटर भंवरताल में मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के आयोजन "क से ग' का। इस दौरान किताब पर बात, आओ सुनें कविता और शाम ए गजल गीत जैसे सत्र हुए। प्रारंभ में वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण पाण्डेय और वरिष्ठ रंगकर्मी सीताराम सोनी की स्मृति में आशुतोष द्विवेदी, विवेक पाण्डेय और अलंकृति श्रीवास्तव ने जनगीत प्रस्तुत किए। किताब की बात सत्र में कोलकाता से आए युवा आलोचक यतीश कुमार ने लोकनाथ के कविता संग्रह "खुरदुरे पत्थर' एवं वरिष्ठ आलोचक डॉ. निशा तिवारी ने कुमार की आत्म संस्मरणात्मक पुस्तक "बोरसी भर आंच' पर अपने समीक्षात्मक वक्तव्य दिए। कविता पाठ सत्र में जाने-माने कवि विनोद पदरज, दीपक जायसवाल, लोकनाथ , कुंदन सिद्धार्थ एवं बाबुषा कोहली ने भावपूर्ण कविताओं का पाठ किया। वहीं नवीन कानगो के गजल पाठ और वरिष्ठ गीतकार यश मालवीय के नवगीतों का पाठ हुआ। संयोजक विवेक चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। इस अवसर पर अपर संचालक वित्त रोहित सिंह कौशल, डॉ. आरसी पाण्डेय, विवेक त्रिपाठी, अनमोल वाधवा, प्रकाश तिवारी, राजेश दीवान, एड. निखिल तिवारी, वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र दानी, डॉ. समीर सिंघई, नरेश जैन, वरिष्ठ कवि अभय तिवारी, अनुराग जैन गढ़ावाल, राजकुमार ठाकुर, भारती शुक्ल, एड. अमित सिंह, अनिरुद्ध आदि शामिल रहे। आयोजन में पीयूष श्रीवास्तव, संजय शर्मा, संजय इंगले आदि का सहयोग रहा।

Created On :   13 Oct 2025 6:04 PM IST

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