फर्जी पत्र लगाकर तबादले पर लिया स्थगन, सीएमओ पर हाईकोर्ट ने लगाई 10 हजार रुपए कॉस्ट

High court imposed 10 thousand rupees cost on CMO in fake signature case
फर्जी पत्र लगाकर तबादले पर लिया स्थगन, सीएमओ पर हाईकोर्ट ने लगाई 10 हजार रुपए कॉस्ट
फर्जी पत्र लगाकर तबादले पर लिया स्थगन, सीएमओ पर हाईकोर्ट ने लगाई 10 हजार रुपए कॉस्ट

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने नगर पालिका अध्यक्ष का फर्जी पत्र लगाकर तबादले पर स्थगन लेने वाले सीएमओ एसबी सिद्दीकी की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने सीएमओ एसबी सिद्दीकी पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए कहा है कि फर्जी पत्र लगाकर तबादले पर स्थगन लेने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। ऐसे मामले में सख्ती बरतना जरूरी है।

रीवा के त्यौथर नगर पालिका के सीएमओ की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि 8 मार्च 2019 को उनका तबादला राजस्व अधिकारी के पद पर कर दिया गया। याचिका में आरोप लगाया कि नगर पालिका की अध्यक्ष सुनीता मांझी ने उनके खिलाफ नगरीय प्रशासन मंत्री को पत्र भेजकर उनकी शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि सीएमओ कांग्रेस पार्टी के कामों में बाधा डालते हैं इसलिए उनका तबादला किया जाए। उनकी जगह बीएन शुक्ला को सीएमओ बनाया गया था। 25 मार्च को प्रांरभिक सुनवाई के बाद जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने तबादले पर रोक लगा दी। एकल पीठ ने शासकीय अधिवक्ता विवेक रंजन पांडे को निर्देश दिया कि पत्र की सत्यता की जांच कर 26 मार्च को रिपोर्ट पेश की जाए।

डिस्पेच रजिस्टर से हुआ खुलासा
मंगलवार को प्रकरण की सुनवाई जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ में हुई। शासकीय अधिवक्ता श्री पांडे ने बताया कि जांच में पाया गया कि डिस्पेच क्रमांक 274 से कोई और पत्र भेजा गया था। एकल पीठ के समक्ष नगर पालिका का डिस्पेच रजिस्टर भी पेश किया गया। नगरीय प्रशासन मंत्री के कार्यालय ने भी बताया कि उन्हें इस प्रकार का कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। सीएमओ की ओर से याचिका में लगाया गया पत्र पूरी तरह फर्जी है।

मैंने नहीं लिखा पत्र
नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी ने कोर्ट में हाजिर होकर बताया कि उन्होंने सीएमओ के खिलाफ किसी भी प्रकार का पत्र नगरीय प्रशासन मंत्री को नहीं भेजा है। नगर पालिका अध्यक्ष की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर ने तर्क दिया कि तबादले पर स्थगन लेने के लिए फर्जी पत्र का सहारा लिया गया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने सीएमओ पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है।

 

Created On :   27 March 2019 7:51 AM GMT

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