हाईकोर्ट ने चिकित्सा प्रवेश नियम पर हस्तक्षेप से किया इनकार

High Court refuses to interfere on medical admission rule
हाईकोर्ट ने चिकित्सा प्रवेश नियम पर हस्तक्षेप से किया इनकार
कहा- मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ करेगी अंतिम निर्णय हाईकोर्ट ने चिकित्सा प्रवेश नियम पर हस्तक्षेप से किया इनकार


डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मप्र चिकित्सा प्रवेश नियम 2018 को चुनौती देने वाली याचिका पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अपने 40 पृष्ठिय निर्णय में कहा है कि मूल निवासी होने के आधार पर निश्चित तौर पर राज्य शासन निजी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण कर सकती है, आरक्षण कितना होगा, यह प्रश्न सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ में लंबित है, इसलिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।
प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन की ओर से मप्र चिकित्सा प्रवेश नियम 2018 को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश भर में निजी मेडिकल कॉलेजों की 100 प्रतिशत पीजी सीटों को प्रदेश के मूल निवासी उन छात्रों के लिए आरक्षित किया गया है, जिन्होंने मध्यप्रदेश से एमबीबीएस किया हो। एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि ऐसे प्रावधान उनको प्रदेश के बाहर के अच्छे मेरिटोरियस छात्रों को चयन करने से रोकते है एवं उनके संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ग) के अंतर्गत असंवैधानिक हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता और राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह ने पक्ष प्रस्तुत किया।

 

 

Created On :   22 Sept 2021 10:35 PM IST

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