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चाचा-भतीजे की फांसी पर हाईकोर्ट की रोक, 8 सितंबर को होनी थी सजा
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। दो आरोपियों (चाचा-भतीजे) को आगामी 8 सितंबर को होने वाली फांसी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने 10 अगस्त को इन दोनों ही आरोपियों को दी गई फांसी की सजा बरकरार रखी थी। उसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट सेशंस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी हुआ था। शुक्रवार को जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस एचपी सिंह की डबल बेंच ने आरोपियों के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के मद्देनजर उनके खिलाफ जारी डेथ वारंट पर रोक लगा दी।
अभियोजन के अनुसार नर्मदा नगर ग्वारीघाट निवासी राजेश उर्फ राकेश यादव, राजा यादव व ओमप्रकाश यादव ने 26 मार्च 2013 को दरबारा सिंह के पुत्र 15 वर्षीय अजीत पॉल का अपहरण कर 50 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। इसकी शिकायत गोरखपुर थाने में दर्ज करायी गई थी। जांच के दौरान 29 मार्च की सुबह अजीत की लाश खंदारी नाले से 15 मीटर की दूरी पर स्थित एक सूखे कुएं से बरामद हुई थी। अजीत का गला रेतकर हत्या की गई थी। पुलिस ने जांच दौरान मोबाईल कॉल के आधार पर आरोपियों तक पहुंचकर उनकी निशानदेही पर उक्त लाश बरामद करते हुए तीनों आरोपियों के खिलाफ अपहरण, फिरौती व हत्या सहित सुबूत छिपाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया था।
डिस्ट्रिक्ट सेशंस कोर्ट के एडीजे डीपी मिश्रा की कोर्ट ने 29 दिसम्बर 2016 को आरोपी राजेश उर्फ राकेश यादव व राजा यादव को फांसी की सजा सुनाई थी। इसी तरह तीसरे आरोपी ओमप्रकाश को उम्रकैद की सजा मिली थी। साथ ही मामला पुष्टि के लिए हाईकोर्ट को भेजा गया था। हाईकोर्ट ने विगत 10 अगस्त को तीनों आरोपियों को दी गई सजाएं उचित ठहराते हुए उनकी अपीलें खारिज कर दी थीं। शुक्रवार को फांसी की सजा पाए दोनों आरोपियों की ओर से सीनियर वकील सतीशचंद्र दत्त, वकील सिद्धार्थ दत्त, अनूप सांगवान, यश एस विजय और निन्नी सुसन थॉमस व राज्य सरकार की ओर से शासकीय वकील एसडी खान ने पक्ष रखा।
आरोपियों की ओर से कहा गया कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करना चाहते हैं, इसलिए निचली कोर्ट से जारी डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए। इस पर डबल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले फैसले तक आरोपियों को फांसी देने पर रोक लगा दी।
Created On :   1 Sep 2017 5:51 PM GMT