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हाईकोर्ट: मुआवजे राशि का रोको भुगतान, करो फिक्स डिपॉजिट
डिजिटल डेस्क जबलपुर। छिंदवाड़ा जिले की चौरई तहसील में माचागोरा बांध निर्माण के लिये अधिग्रहित जमीन के बाद मिली मुआवजा राशि का भुगतान रोककर उक्त रकम को फिक्ट डिपॉजिट में रखने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। मामला मुआवजा राशि को लेकर भाई-बहन के बीच उठे विवाद से संबंधित है। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने इस अंतरिम आदेश के साथ अनावेदकों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।
छिंदवाड़ा निवासी भोपाल वर्मा की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि माचागोरा बांध के लिये उनकी जमीन अधिग्रहीत की गई थी। आवेदक के अनुसार उक्त जमीन के भूमि स्वामी उसके पिता छब्बेलाल वर्मा थे। जिन्होनें पंजीकृत वसीयतनामा 30 अगस्त 2002 को उसके (आवेदक के) पक्ष में करने के बाद अगस्त 2013 में उनका निधन हो गया। आवेदक का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के बाद उसके पक्ष में 4 लाख 72 हजार 950 रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया गया। जब वह राशि लेने गया तो वह उसे नहीं दी गई। उक्त राशि पर आवेदक की बहन ने भी अपना दावा किया था। इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में कहा था कि छिंदवाड़ा कलेक्टर मुआवजा राशि दावे का चार माह में निराकरण करे। आदेश का पालन न होने पर दायर अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किए। इसी बीच छिंदवाड़ा के चौरई तहसीलदार ने एक आदेश जारी करके कहा कि स्वीकृत मुआवजा राशि पाने के हकदार याचिकाकर्ता के साथ-साथ उसके भाई-बहन भी हैं। इसी आदेश को चुनौती देकर यह याचिका दायर करके याचिकाकर्ता ने दावा किया पिता द्वारा की गई वसीयत के आधार पर मुआवजा पाने का वह अकेला हकदार है। ऐसे में तहसीलदार का आदेश खारिज होने योग्य है।
मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश देकर अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। चिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शीतला प्रसाद त्रिपाठी व सुशील त्रिपाठी ने पैरवी की।
Created On :   24 Nov 2019 11:21 PM IST