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सरकारी वकीलों के मामले में सरकार को रिपोर्ट पेश करने मिली मोहलत
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बैंच ने 7 साल से कम अनुभव वाले सरकारी वकीलों की रिपोर्ट पेश करने राज्य सरकार को एक हफ्ते की मोहलत दे दी है। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को निर्धारित की है।
यह जनहित याचिका आनंद नगर अधारताल निवासी इंजीनियर ज्ञान प्रकाश की ओर से वर्ष 2013 में दायर की गई थी। याचिका में कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 24 एवं 25 के अनुसार हाईकोर्ट और निचली अदालतों में आपराधिक प्रकरण की पैरवी के लिए नियुक्त लोक अभियोजक के पास न्यूनतम 7 साल का अनुभव होना चाहिए। प्रदेश भर में एक से दो साल के अनुभव वाले अधिवक्ता आपराधिक प्रकरणों में पैरवी कर रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र आदित्य संघी ने कहा था कि 7 साल से कम अनुभव वाले अधिवक्ता को लोक अभियोजक या पैनल लॉयर नियुक्त करना कानून का उल्लंघन है। पिछली सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को इस मामले में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता के अनुरोध पर डिवीजन बैंच ने रिपोर्ट पेश करने एक हफ्ते की मोहलत प्रदान कर दी। मामले में रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अधिवक्ता िसद्धार्थ राधेलाल गुप्ता पैरवी कर रहे हैं।
Created On :   26 July 2021 10:13 PM IST