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टूलकिट मामले में शांतनु को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत, मां ने कहा- बेटा कुछ गलत नहीं कर सकता, मैं भी हूं किसान की बेटी
डिजिटल डेस्क, बीड। किसान आंदोलन और दिल्ली में हिंसा भड़काने वाली टूलकिट बनाने और उसे प्रसारित करने के मामले में शांतनु मुलुक ने अदालत का दवराजा खटखटाया। मंगलवार को अदालत ने शांतनु को 10 दिन की राहत दी है। अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ की न्यायमूर्ति विभा कंकणवाड़ी ने याचिका मंजूर कर ली। शक जताया जा रहा है कि टूलकिट पर इस्तेमाल किया ई-मेल आईडी शांतनु का है। दिल्ली न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन तक गिरफ्तारी से राहत के लिए शांतनु ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में अर्जी पेश की थी। जिसकी सुनवाई में चार बिंदु रखे गए थे। जिसपर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता को 10 दिन की हस्तांतरित अग्रिम जमानत मंजूर कर दी गई। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट सतेज जाधव और सरकार की ओर से एड एसवाई महाजन ने पक्ष रखा।
शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट
बंगलुरु से दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने शांतनु शिवलाल मुलुक पर शिकंजा कसा, जो बीड के रहने वाले हैं। फिलहाल दिल्ली में रह रहे हैं। शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया है। आरोप है कि शांतनु का ई - मेल आईडी scrapfarmersact@gmail.com विवादित टूलकिट के प्रसार के लिए उपयोग किया गया था। इस मामले में दिल्ली न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी पेश करने तक गिरफ्तारी राहत पाने के लिए शांतनु ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में एडवोकेट सतेज जाधव के जरिए सोमवार को अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी। जिसपर विभा कंकणवाड़ी की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
शांतनु के घर पुलिस ने मारा था छापा
शांतनु की तलाश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने 12 फरवरी को उसके घर पर छापा मारा। उसके माता - पिता से पूछताछ की गई थी। उसके खातों का विवरण प्राप्त करने के लिए बैंक का दौरा भी किया गया था। शांतनु के पिता शिवलाल ने बताया कि उनके घर में 7 फरवरी को शादी थी, उसी समय शांतनु आया था, तब वह पुणे में काम करता था, लॉकडाउन के कारण हमारे साथ ही था। बाद में चला गया । दिल्ली पुलिस ने शांतनु के बारे में जो भी पूछा, उन्हें बताया गया था। पिता का कहना है कि हमें खुद ही नहीं पता कि फिलहाल शांतनु कहां है और कैसा है, इसके पहले जब वो आया था तो औरंगाबाद गए थे।
मां ने कहा- बेटे ने कुछ गलत नहीं किया, मैं भी किसान की बेटी
उधर शांतनु की मां हेमलता मुलुक ने कहा कि शांतनु कुछ भी गलत नहीं कर सकता। मैं किसान की बेटी हूं, उसी रूप में मैं किसान आंदोलन का समर्थन करती हूं, इसपर मुझे गर्व है।
दिल्ली पुलिस की एक टीम पिछले चार-पांच दिनों से यहां डेरा डाले हुए थी। कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर देश भर में आंदोलन जारी है। लेकिन जिस कार्रवाई की जा रही है, मराठवाड़ा में किसान संगठनों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है
कौन है शांतनु
शांतनु को पर्यावरण की अच्छी खासी जानकारी है। उसने 2001 में 10 वीं की पढ़ाई पूरी की, स्नातक तक शिक्षा औरंगाबाद में की। फिर विदेश में एयरो स्पेस से मास्टर डिग्री हासिल कर ली।
टूलकिट को लेकर
आपको बतादें, टूलकिट एक डिजिटल माध्यम है, जो किसी भी आंदोलन का विस्तार करने में जानकारी प्रदान करता है। ट्रैक्टर रैली के बाद टूलकिट चर्चा में आ गया। दिशा रवि पर टूलकिट पोस्ट करने का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस के अनुसार दिशा टूलकिट मामले के मुख्य आरोपियों में एक है, जांच में पता चला है कि सोशल मीडिया पर इसके प्रसार के साथ टूलकिट में बदलाव किया गया था। साइबर पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है।
Created On :   16 Feb 2021 7:50 PM IST