दिल्ली: भारत ने 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है - प्रल्हाद जोशी
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। कोयला मंत्रालय भारत ने 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है: श्री प्रल्हाद जोशी गैसीकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले कोयले के राजस्व हिस्सेदारी पर 20 प्रतिशत की रियायत कोयला मंत्रालय ने कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण पर वेबिनार आयोजित किया Posted On: 31 AUG 2020 7:26PM by PIB Delhi केंद्रीय कोयला और खान मंत्रीश्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि भारत ने 2030 तक 100 मिलियन टन (एम टी) कोयला गैसीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जायेगा।कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुएश्री जोशी ने कहा कि कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण कोई आकांक्षा नहीं है, बल्कि एक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ईंधन के स्वच्छ स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने गैसीकरण के लिए इस्तेमाल होने वाले कोयले की राजस्व हिस्सेदारी में 20 प्रतिशत की रियायत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इससे सिंथेटिक प्राकृतिक गैस, ऊर्जा ईंधन, उर्वरकों के लिए यूरिया और अन्य रसायनों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। कोयला मंत्रालय (एमओसी) द्वारा लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु रोडमैप पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में वेबिनार का आयोजन किया गया था। इस वेबिनार में भारत सरकार, सीआईएल और कोयला क्षेत्र के लगभग 700 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कोयला क्षेत्र में हरित पहलों के लिए सरकार की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए, श्री जोशी ने कहा कि कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण सरकार के एजेंडे में है और देश में सतह (सर्फेस)कोयला गैसीकरण के विकास के लिए विभिन्न कार्य किए गए हैं।इस संबंध मेंनीति आयोग के सदस्य डॉ वी.के.सारस्वत की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया गया है। समिति में कोयला मंत्रालय के भी सदस्यशामिल हैं। सीआईएलने वैश्विक निविदा के माध्यम से बीओओ आधार पर कम से कम 3 गैसीकरण संयंत्र (दानकुनी के अलावा) स्थापित करने की योजना बनाई है और सिंथेटिक प्राकृतिक गैस के विपणन के लिए गेल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। श्री जोशी ने देश के एसडब्लूओटी विश्लेषण के अनुरूप, कोयला गैसीकरण क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों और अन्य पहलुओं के बारे में उपस्थित लोगों से अधिक जानकारी प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक मानकों के अनुरूप, टिकाऊ मार्ग पर अग्रसर होते हुए राष्ट्र के भंडार का अधिकतम उपयोग करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वी.के.सारस्वतऔर कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार जैनने भी वेबिनार को संबोधित किया। सीआईएल के डीटीश्री बिनय दयाल;सीआईएमएफआर के निदेशकडॉ पी के सिंह; पीडीआईएल के जी एम श्री आशुतोष प्रसाद; जेएसपीएल के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल; मुंद्रा सिनर्जी के सीईओ श्री राजेश झा; जेएसपीएल के एमडी डॉ. वी आर शर्मा; ट्रू नॉर्थ वेंचर्स के पार्टनर डॉ देव गकास्कर और एयर प्रोडक्ट्स के ग्रुप वीपीश्री बॉब कार्टरने भी अपने विचार व्यक्त किये।
Created On :   1 Sept 2020 3:22 PM IST