जबलपुर में फिल्म सिटी और शूटिंग लोकेशन्स की संभावनाएँ तलाशने पहुँचे इंडस्ट्री के दिग्गज 

Industry giants reach Jabalpur to explore film city and shooting locations
जबलपुर में फिल्म सिटी और शूटिंग लोकेशन्स की संभावनाएँ तलाशने पहुँचे इंडस्ट्री के दिग्गज 
जबलपुर में फिल्म सिटी और शूटिंग लोकेशन्स की संभावनाएँ तलाशने पहुँचे इंडस्ट्री के दिग्गज 

प्रख्यात लेखक, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, आर्ट डायरेक्टर्स हैं शामिल
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर में फिल्म सिटी बनाने और शूटिंग लोकेशन्स की तलाश में मायानगरी मुंबई से टीम शुक्रवार को शहर पहँुची। इस टीम में प्रख्यात फिल्म निर्माता, निर्देशक, लेखकों से लेकर बड़ी-बड़ी फिल्मों में बतौर तकनीशियन के रूप में जुड़े लोग शामिल हैं। टीम दो दिन शहर में रहकर यहाँ फिल्म सिटी के निर्माण और शूटिंग लोकेशन्स की संभावनाओं पर काम करेगी। टीम में प्रख्यात फिल्म लेखक कमलेश पांडेय, उनकी पत्नी एवं टीवी प्रोड्यूसर श्रीमती कांति पांडेय, मनोज अग्रवाल, टी. संजय रेड्डी, आर्ट डायरेक्टर दिलीप पिथवा, बालाजी टेलीफिल्म्स से महमूद रजा, प्रोड्यूसर विनोद बच्चन, रमिंदर सिंह सूरी, एक्टर लिलीपुट, डायरेक्टर मुनीश रावत, एड प्रोड्यूसर राजेंद्र राठौर, सबास्टीन नेको अकोष्टा, विनय सकरे, एक्टर बीके तिवारी,  आदि शामिल हैं।महमूद रजा, बालाजी टेलीफिल्म्स  शहर आए इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से हमने बात की।
फिल्म सिटी की जरूरत 
मैंने कई फिल्में डायरेक्ट करने के अलावा कई शॉर्ट फिल्में व एड फिल्में बनाई हैं। जेपी दत्ता मेरे गुरु रहे हैं। उन्होंने मुझे यही सिखाया है कि शूटिंग के लिए वर्जिन लोकेशन्स यानी की ऐसी जगहों को चुनो, जो लोगों ने न देखी हों। ऐसे में जबलपुर, एमपी के लिए चांसेस बहुत ज्यादा हैं। फिल्म सिटी बनाने या शूटिंग लोकेशन्स उपलब्ध कराने में गवर्नमेंट का सहयोग मिलता है तो बाहर से लोग जरूर आएँगे।  
कुशल श्रीवास्तव, फिल्म डायरेक्टर  
भेड़ाघाट का जवाब नहीं
 मैं इसके पहले भी जबलपुर आ चुका हूँ। यहाँ फिल्म सिटी बनाना है तो सबसे महत्वपूर्ण बात कम्यूनिकेशन है। बाहर से लोग आएँ तो बात हो सके। लोकेशन्स के साथ-साथ फैसेलिटीज भी चाहिए। अगर शूटिंग से जुड़ी सभी चीजें यहाँ मुहैया हो जाएँ तो इससे अच्छा क्या होगा। यहाँ मौजूद थियेटर ग्रुप्स हमारी हैल्प करेंगे, हम उनकी हैल्प करेंगे। मैंने भेड़ाघाट को करीब से देखा है। इस तरह की लोकेशन पूरी दुनिया में नहीं है। 
ऐतिहासिक मौका 
ट्टमुझे लगता है कि यह जबलपुर के लिए ऐतिहासिक मौका है। फिल्म सिटी बनाने की घोषणा कई राज्यों ने की है, लेकिन बन नहीं पाई। यहाँ शुरूआत हो रही है, सरकार गंभीर है। मैं पिछली बार जब यहाँ आया था तो कलेक्टर से बात हुई थी और मुझे उनका सकारात्मक नजरिया देखने मिला। हिन्दी की फिल्में हिन्दी के बेल्ट में क्यों नहीं बन रहीं? ये यहाँ पर ही बननी चाहिए। चौसठ योगिनी के मंदिर के आगे लाल किला भी फीका है। 
कमलेश पांडेय, फिल्म लेखक 
 

Created On :   15 Feb 2020 8:59 AM GMT

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