सतना स्मार्ट सिटी में जापानी तकनीक से जंगल उगाने की पहल, प्रदेश का दूसरा नवाचार 

Initiative of jungle growing from japansese technology miyawaki in satna
सतना स्मार्ट सिटी में जापानी तकनीक से जंगल उगाने की पहल, प्रदेश का दूसरा नवाचार 
सतना स्मार्ट सिटी में जापानी तकनीक से जंगल उगाने की पहल, प्रदेश का दूसरा नवाचार 

डिजिटल डेस्क, सतना। स्मार्ट सिटी में जापानी तकनीक (मियावॉकी) से जंगल उगाने की पहल अब अपना असर दिखाने लगी है। शहर के पाश इलाके सिविल लाइंस में पुलिस अधीक्षक के बंगले के सामने 2600 वर्गफिट पर विभिन्न प्रकार के तकरीबन 3 हजार पौधे रोपे जाने का लक्ष्य है। शुरुआती चरण में 500 पौधे रोपे गए हैं। लोगों के आकर्षण का केंद्र बन चुकी इस नर्सरी की परिकल्पना नगर निगम के कमिश्नर संदीप जीआर ने स्टार्ट-अप के तहत की थी। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये पहल शहर के समक्ष पर्यावरण प्रेमियों के लिए संदेश भी है। दावे के मुताबिक राजधानी भोपाल स्थित एम्स के अलावा मध्यप्रदेश में ये अपने किस्म का दूसरा नवाचार है। 

10 गुना तेजी से बढ़ रहे हैं पौधे 

जानकारों ने बताया कि बंजर में भी जंगल उगाने की ये तकनीक 91 वर्ष की उम्र में 40 वर्ष पहले जापान के एक पर्यावरण विशेषज्ञ डा.अकीरा मियावॉकी ने इजाद की थी। इस तकनीक से रोपे गए पौधे 10 गुना तेजी के साथ बढ़ते हैं। इन्हीं जानकारों ने बताया कि इसी तकनीक से पूर्वी एशिया, मलेशिया, इटली और दक्षिण अफ्रीका में समेत दुनिया के अनेक हिस्सों में अब तक लगभग 3 हजार जंगल उगाए जा चुके हैं। देश में इस तकनीक को सबसे पहले तेलंगाना सरकार ने और फिर महाराष्ट्र की सरकार ने अपनाया। कहते हैं, मध्यप्रदेश में सबसे पहले भोपाल स्थित एम्स से मियावॉकी तकनीक से जंगल उगाने की शुरुआत हुई। 

क्या है,तरकीब 

मियावॉकी तकनीक के तहत तकरीबन 10 हजार वर्ग फिट जगह पर लगभग साढ़े 3 हजार छांव और फलदार वृक्षों के साथ-साथ झाड़ीनुमा पौधे भी रोपे जाते हैं। इसी तरकीब से यहां पुलिस अधीक्षक के बंगले के साथ उपलब्ध 2600 वर्गफिट  पथरीली जमीन की 3 फिट खुदाई की गई। मिट्टी में जैविक खाद मिलाकर एक वर्ग मीटर पर 3 मिश्रित प्रजाति के पौधे रोपे गए ताकि वे परस्पर पोषण ले सकें।
 

Created On :   26 July 2019 7:56 AM GMT

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