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सड़क दुर्घटना में घायल हुए बीमितों को बीमा कंपनी ने नही दिया लाभ
डिजिटल डेस्क जबलपुर। बीमा कंपनी से पॉलिसी कराना तो आसान है पर उनसे लाभ लेना बड़ा कठिन। अस्पताल में भर्ती होना हो या फिर कैशलेस कराना हो, सभी में किसी न किसी तरह का प्रश्नचिन्ह लगाकर बीमा अधिकारी हाथ खड़े कर लेते है। टीपीए कंपनी हो या फिर सर्वेयर टीम के जिम्मेदार अधिकारी किसी न किसी तरह की कमियां निकालकर क्लेम भी पास नही करते है। यह आरोप पॉलिसी धारकों के द्वारा लगाया जा रहा है। पीडि़तो का आरोप है कि सडक हादसे में घायल होने पर भी बीमा कंपनी किसी तरह का सहयोग नही दे रही है। पीडि़त बीमा अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग प्रशासन करते आ रहे है पर महीनो बीत जाने के बाद भी बीमित चुप्पी साधे बैठे हुए है। टोल फ्री नंबर से लेकर आफिसो के नंबरो में भी सही जवाब नही दिया जा रहा है। बीमा कंपनी अनेक वादे करके प्रीमियम वसूलने में पीछे नही हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
दंपति सहित बेटे को आई थी गंभीर चोटे
रांझी नरसिंहनगर राधा कृष्ण मंदिर के समीप रहने वाले अभय पोद्दार ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी ली थी। वर्ष 2018 में उनका व उनकी पत्नी श्रीमती ममता, बेटा करण सडक हादसे में घायल हो गए थे। दुर्घटना में घायल होने के दौरान परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में लंबे समय तक तीनों का इलाज चला और इलाज में उन्हें अपने पास से अस्पताल का सारा भुगतान देना पड़ा। ठीक होने के बाद अभय ने सारे बिल व अस्पताल की सारी रिपोर्ट बीमा कंपनी में सम्मेट किया था पर आज तक क्लेम नही मिला। बीमा अधिकारियों से लगातार वे संपर्क करते रहे पर चार साल बाद भी उन्हें क्लेम नही मिला और पॉलिसी क्रमांक 35101031176140340089 के विहाप में यह कहा जा रहा है कि आपको इलाज के दौरान सूचना देना थी। पीडि़तो का कहना है कि इलाज नही कराना था पहले बीमा कंपनी को सूचित करना था भले हम मर जाते। आरोप है कि बीमा अधिकारी जानबूझकर पॉलिसी धारकों को परेशान कर रहे है। वहीं कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि परीक्षण के बाद ही हम कुछ बता पाएंगे।
Created On :   22 Feb 2022 10:08 PM IST