दैनिक भास्कर हिंदी: भारत बंद : पहली बार बंद हुए कामदगिरि के कपाट, साधु-संतों ने भी किया विरोध

September 7th, 2018

डिजिटल डेस्क, सतना। कभी बंद न होने वाले चित्रकूट धाम के कामदगिरी भगवान के पट कल 6 सितम्बर को भारत बंद के दौरान बंद कर दिए गए। कामदगिरि के प्रथम मुखारबिंद के महंत मदनदास एवं द्वितीय मुखारबिंद के महंत भरत शरण के अनुसार Sc/St एक्ट के विरोध में उन्होंने जनभावना का ध्यान रखते हुए ऐसा किया। सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारत बंद का असर चित्रकूट के कामदगिरि भगवान पर भी पड़ा। बंद के समर्थन के चलते यहां पहले कामदगिरि के प्रथम और द्वितीय मुखारबिन्द दोनों के कपाट बंद रहे। दरअसल, बंद का समर्थन चित्रकूट के साधु-संतों ने भी किया था जिसके चलते भगवान के कपाटों में भी ताला जड़ दिया गया।

पहली बार बंद हुए कपाट
जानकारों का कहना है कि यह पहली बार है जब चित्रकूट में कामदगिरि के कपाट बंद हुए हैं। इससे पहले न तो किसी ने देखा और न ही सुना। वैसे तो भारत बंद की खबरों के बीच श्रद्धालुओं ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोस्थली का रूख नहीं किया, मगर जो इक्का-दुक्का पहुंचे भी थे तो उन्हें निराशा ही हाथ लगी, क्योंकि उन्हें मुखारबिन्द के दर्शन ही नहीं हो सके। मठ-मंदिरों के संतों ने एक्ट और आरक्षण का पुरजोर विरोध किया। भगवान कामदगिरि के प्रथम मुखारबिंद के महंत मदनदास एवं द्वितीय मुखारबिंद के महंत भरत शरण ने कहा कि आम जनमानस की भावनाओं को देखते हुए ये कपाट बंद किए गए। उन्होंने बंद का समर्थन किया।

बाजार रहा बंद
चित्रकूट के भरतघाट, पुरानी लंका चौराहा, हनुमानधारा, कामदगिरि बाजार, जानकी कुंड, प्रमोदवन समेत चित्रकूट का पूरा बाजार बंद रहा। इस अवसर पर राकेश शर्मा, दिनेश द्विवेदी, अखिलेश शर्मा, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, रामबाबू गुप्ता, दिनेश पयासी, अशोक जयसवाल, कन्हैया अग्रवाल, सूरज गौतम, रावेंद्र गौतम, कमलेश गुप्ता, काशी त्रिपाठी, अशोक साहू, नीरज गौतम, गुलाब हलवाई, संतोष शुक्ल ने सैकड़ों लोगों के साथ अलग-अलग टोलियों को लेकर भारत बंद का समर्थन किया।

 

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