श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने विठ्ठल मंदिर में लागू होगा काशी मॉडल, सावन में पहुंचे थे एक करोड़ श्रद्धालु

Kashi model will be implemented in Vitthal temple to control devotees
श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने विठ्ठल मंदिर में लागू होगा काशी मॉडल, सावन में पहुंचे थे एक करोड़ श्रद्धालु
क्राउड मैनेजमेंट श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने विठ्ठल मंदिर में लागू होगा काशी मॉडल, सावन में पहुंचे थे एक करोड़ श्रद्धालु

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के सुविख्यात भगवान विट्ठल के मंदिर में भी क्राउड मैनेजमेंट के काशी मॉडल को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। यूपी के क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम को जानने महाराष्ट्र के अफसरों की टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया है। दरअसल, क्राउड मैनेजमेंट के काशी मॉडल ने अन्य राज्यों की प्रशासनिक मशीनरी को भी अचंभित कर दिया है। बीते सावन माह के दौरान एक करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों ने काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन किया है। इस दौरान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी में क्राउड मैनेजमेंट की लगातार मॉनीटरिंग कर रहे थे। साथ ही उन्होंने काशी में व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया था और स्थानीय अफसरों को दिशा-निर्देश भी दिए थे। दरअसल, महाराष्ट्र के अफसर काशी मॉडल को पंढरपुर स्थित सुविख्यात भगवान विट्ठल मंदिर में भी लागू करना चाहते हैं। सोलापुर के जिलाधिकारी और एसपी के नेतृत्व में पहुंची अफसरों की टीम ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश से मुलाकात की है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने क्राउड मैनेजमेंट के काशी मॉडल पर महाराष्ट्र अफसरों के सामने एक डिटेल प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया है। 

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के मुताबिक काशी में क्राउड मैनेजमेंट के तहत हमने सावन महीने को 9 बड़े इवेंट्स में बांटकर अपनी पूरी कार्ययोजना तैयार की। इसमें सावन के चार सोमवार, सावन की शिवरात्रि, अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी और रक्षा बंधन को लेकर हमने विस्तार से प्लान तैयार किया। ना सिर्फ काशी विश्वनाथ धाम, बल्कि वाराणसी के सभी प्रमुख मंदिरों को लेकर योजना बनाई गई। फोकस उन इलाकों पर सबसे ज्यादा रहा, जहां सर्वाधिक ज्यादा भीड़ जुटने की संभावना थी। 

काशी में क्राउड मैनेजमेंट के लिये चुनौतियां इसलिए भी बड़ी थीं, क्योंकि विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद ये पहला सावन था और किसी को अंदाजा नहीं था कि भीड़ कितनी पहुंचेगी। इसके अलावा दो साल से कोविड के कारण बंद कांवर यात्राओं को भी इस बार पूरे रौ में शुरू किया गया था। इतना ही नहीं ज्ञानवापी और अग्निपथ जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर भी पुलिस की सक्रियता बढ़ गई थी। साथ ही सावन के दौरान ही मोहर्रम पर्व को भी सकुशल संपन्न कराना शासन के सामने बड़ी चुनौती थी। तमाम तरह की अफवाहें और भगदड़ की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार करना बड़ी चुनौती थी। 

इसके अलावा वीवीआईपी मूवमेंट को लेकर भी विस्तार से काशी में क्राउड कंट्रोल मैनेजमेंट के दौरान सबसे ज्यादा फोकस भीड़ के आगमन वाले रास्तों पर रही। प्रयागराज, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ और चंदौली से आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शहर के बाहर 16 जगह पार्किंग स्थल बनाए गए। साथ ही, 18 बैरियर प्वाइंट्स के जरिये भीड़ को नियंत्रित करने में बड़ी मदद मिली। मिक्स्ड पॉपुलेशन वाले इलाकों में पुलिस पिकेट की ड्यूटी, मिड-वे मेडिकल कैंप, एंबुलेंस, फायर टेंडर की तैनाती, नो व्हीकल जोन, पैदल मार्ग, असहायों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था ने क्राउड मैनेजमेंट के काशी मॉडल को देशभर में प्रासंगिक बना दिया है। 
                  

Created On :   28 Aug 2022 3:25 PM IST

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