के के वेणुगोपाल हो सकते हैं अगले अटार्नी जनरल
दैनिक भास्कर न्यूज़ डेस्क, नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल अटार्नी जनरल के पद के बड़े दावेदार बनकर उभरे हैं। मुकुल रोहतगी के इस पद से हटने के फैसले के बाद सरकार के शीर्ष विधि अधिकारी की तलाश हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन देशों की यात्रा से लौटने के तुरंत बाद नए अटार्नी जनरल के नाम का एलान हो सकता है। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित वेणुगोपाल मोरारजी देसाई सरकार के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहे हैं। उन्होंने कई सरकारों को मदद की और वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर उनका प्रतिनिधित्व किया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में वह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।
एक जांच अधिकारी को हटाने के मामले में सरकार और एजेंसी से अलग राय रखने पर ईडी उन्हें बदलना चाहती थी लेकिन शीर्ष अदालत ने वेणुगोपाल को अपना काम जारी रखने को कह दिया था। वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। इसमें उन्होंने उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को हटाने के लिए केंद्रीय कानून की वैधता का समर्थन किया था।
भाजपा सरकार के साथ उनका जुड़ाव अयोध्या आंदोलन के समय से है। वह उत्तर प्रदेश की तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और यह आश्वासन दिया था कि मध्यकालीन विवादित ढांचे की रक्षा की जाएगी।
हालांकि छह दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने विवादित ढांचे को ढहा दिया। इसके बाद वह तत्कालीन चीफ जस्टिस एमएन वेंकटचलैया के घर पर शाम को बैठी पीठ के समक्ष पेश हुए थे। हाल ही में वह वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य की तरफ से शीर्ष अदालत में पेश हुए थे। इस मामले में शीर्ष अदालत ने सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश के आरोप बहाल कर दिए और ट्रायल दो साल में पूरा करने का आदेश दिया है।
Created On :   28 Jun 2017 11:48 AM IST