कैजुअल्टी में मेल डॉक्टर्स की कमी, रेप के आरोपी की जाँच में लगता लंबा वक्त

Lack of mail doctors in casualty, time taken for investigation of rape accused
कैजुअल्टी में मेल डॉक्टर्स की कमी, रेप के आरोपी की जाँच में लगता लंबा वक्त
कैजुअल्टी में मेल डॉक्टर्स की कमी, रेप के आरोपी की जाँच में लगता लंबा वक्त

बलात्कार जैसे मामलों में विक्टोरिया में होती है मेडिकल जाँच
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में अपराधी को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इसके लिए पुलिस को गिरफ्तारी से लेकर सजा मिलने तक अलग-अलग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आरोपी की मेडिकल जाँच भी अहम है। जिले में बलात्कार के आरोपी की मेडिकल जाँच विक्टोरिया हॉस्पिटल में होती है। पुलिस आरोपी को कैजुअल्टी लेकर जाती है जहाँ क्लास-2 के मेल डॉक्टर आरोपी की मेडिकल जाँच करते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार कई मामलों में ऐसा होता है कि जब आरोपी को जाँच के लिए लाया जाता है तो ड्यूटी पर फीमेल डॉक्टर्स होती हैं, जो जाँच नहीं कर सकतीं। इसके बाद मेल डॉक्टर का इंतजार किया जाता है, कई बार जब डॉक्टर नहीं मिलते तो पुलिस द्वारा आरोपी को जेल भेज दिया जाता है। जेल भेजने के बाद अगले दिन आरोपी को पुन: जाँच के लिए अस्पताल ले जाना हो तो मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होती है और अगर 2-3 दिन तक जाँच न हो पाई तो प्रतिदिन अनुमति लेनी पड़ती है। एक तरफ जहाँ इससे वक्त ज?ाया होता है, वहीं साक्ष्य मिटने की भी संभावना होती है। हालिया मामले में पुलिस मथुरा से रेप के आरोपी को लेकर आई थी, जिसकी मेडिकल जाँच में वक्त लगा था। गोहलपुर पुलिस का कहना है कि कई बार ऐसा होता है कि  दिन में मेल डॉक्टर नहीं मिलते हैं और कहा जाता है कि आरोपी को जाँच के लिए रात में लेकर आओ, जो कि आमतौर पर संभव नहीं है। 
उसी दिन जाँच करने की हो रही कोशिश 
विक्टोरिया हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ. सीबी अरोरा का कहना है कि कैजुअल्टी में मेल डॉक्टर्स के मुकाबले फीमेल डॉक्टर्स की संख्या अधिक है, ऐसे में कई बार ड्यूटी पर फीमेल डॉक्टर मिलती हैं। हम कोशिश करते हैं आरोपी की जाँच उसी दिन हो जाए। कई बार पुलिस द्वारा भी जल्दबाजी दिखाई जाती है, जबकि कैजुअल्टी में पहले से मरीज होते हैं।
 

Created On :   10 Jan 2021 6:30 PM IST

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