वकीलों और न्यायिक कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया जाए

Lawyers and judicial personnel should be declared as front line workers
वकीलों और न्यायिक कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया जाए
वकीलों और न्यायिक कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया जाए



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वकीलों और न्यायिक कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने की माँग की गई है। अखिल भारतीय संयुक्त मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रकुमार वलेजा की ओर से दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि न्यायिक सेवा को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया जाए। अधिवक्ता वेदप्रकाश नेमा ने बताया कि याचिका में कोरोना से वकीलों की मौत पर उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने और कोरोना पीडि़त वकीलों को अलग से अस्पताल में मुफ्त इलाज दिए जाने की माँग की गई है। याचिका पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है।
 याचिकाकर्ता श्री वलेजा ने बताया कि उक्त याचिका के माध्यम से प्रदेश के वकीलों व न्यायिक कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर्स घोषित करने, न्यायिक सेवा को अत्यावशक सेवा घोषित करने तथा कोवीड के कारण हुई मृत्यु पर उनके परिवार को तत्काल सहयता व उच्च न्यायालय रजिस्ट्री ऑफिस में तथा अधीनस्थ न्यायालयों के ऑफिस की रिक्तियों में 10प्रतिशत स्थान उनके परिवार हेतु आरक्षित रखे जाने तथा याचिका के निराकरण तक वकीलों को अलग से अस्पतालो में फ्री इलाज दिए जाने की प्रार्थना की गई हैं। श्री वलेजा ने यह भी जानकारी दी हे इसी प्रकार की याचिका  राजस्थान उच्च न्यायालय एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में भी लम्बित है, जिनमे नोटिस जारी हो चुके हैं इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस संबंध में केंद्र सरकार व राज्य सरकार से मांग की हे उपरोक्त याचिका में पैरवी एडवोकेट  ी वेद प्रकाश नेमा, मनोज सनपाल एवम विभा पाठक ने पीटीशनर की ओर से प्रस्तुत की है।

 

Created On :   3 July 2021 10:31 PM IST

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