लंग्स फाइब्रोसिस भी बन रहा मौत की वजह -  इस रोग से पूरी तरह डैमेज हो जाते हैं फेफड़े, मेडिकल में अब तक ब्लैक फंगस से 17 मौतें

Lungs fibrosis is also becoming the cause of death - this disease completely damages the lungs
लंग्स फाइब्रोसिस भी बन रहा मौत की वजह -  इस रोग से पूरी तरह डैमेज हो जाते हैं फेफड़े, मेडिकल में अब तक ब्लैक फंगस से 17 मौतें
लंग्स फाइब्रोसिस भी बन रहा मौत की वजह -  इस रोग से पूरी तरह डैमेज हो जाते हैं फेफड़े, मेडिकल में अब तक ब्लैक फंगस से 17 मौतें

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के लिए म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के साथ-साथ लंग्स फाइब्रोसिस जैसी बीमारियाँ भी खतरा बन रही हैं। कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान स्टेरॉयड एवं अन्य दवाओं के प्रयोग के अलावा अधिक समय तक इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती रहने के कारण मरीजों में यह समस्या सामने आ रही है। ब्लैक फंगस में मरीज की मौत होने का खतरा तब सबसे ज्यादा होता है, जब इंफेक्शन दिमाग तक पहुँच जाता है, लेकिन फंगस के दिमाग में न पहुँचने के बाद भी कुछ मरीज जान गँवा रहे हैं। इसकी वजह कोविड के चलते खराब हुए फेफड़े हैं, जिन्हें लंग्स फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे पीडि़त मरीजों को लगातार ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, ऐसे में ब्लैक फंगस के ऑपरेशन एवं इलाज में रिस्क होने के साथ कई दिक्कतें आ सकती हैं। मेडिकल कॉलेज में भी ब्लैक फंगस से पीडि़त कुछ ऐसे मरीजों ने जान गँवाई है, जो फाइब्रोसिस से पीडि़त थे। 
क्या है लंग्स फाइब्रोसिस
विशेषज्ञों के अनुसार कोविड के मरीजों में रिकवरी के बाद लंग्स फाइब्रोसिस बीमारी जिंदगी भर परेशानी का कारण बन सकती है। इसमें फेफड़ों की दीवारें मोटी होकर उनका लचीलापन खत्म कर देती है, जिससे फेफड़ों की क्षमता कम होकर साँस फूलने की समस्या जिंदगी भर रहती है। यह बीमारी उन मरीजों में देखने मिल रही है, जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन प्रभावित हुआ है।  
फेफड़ों पर पड़ता है गंभीर असर 
मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस वार्ड प्रभारी डॉ. कविता सचदेवा कहती हैं कि ब्लैक फंगस के कुछ मामलों में कोविड बाद मरीजों के फेफड़ों पर गंभीर असर देखने मिल रहा है, जिसके चलते उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। फाइब्रोसिस से पीडि़त ऐसे मरीजों की स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है। इनमें मौत का कारण भी यही बीमारी होती है। 
गुरुवार को 1 मौत 3 नए मरीज भर्ती 
जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या स्थिर बनी हुई है। ऐसा नहीं है कि नए मरीज नहीं मिल रहे हैं। नए मरीजों के साथ डिस्चार्ज होने वालों की संख्या भी लगभग उतनी है। मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को जहाँ 3 नए मरीज भर्ती हुए, वहीं 2 मरीजों को छुट्टी दे दी गई। इसके अलावा 1 मरीज ने दम तोड़ दिया। इधर निजी अस्पतालों में लगभग 20 मरीज उपचाररत हैं। 
 

Created On :   11 Jun 2021 5:38 PM IST

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