वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध और भ्रष्टाचार की शिकायतों के नंबर वन है महाराष्ट्र

Maharashtra is number one in complaints of corruption, not a single complaint in Sikkim
वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध और भ्रष्टाचार की शिकायतों के नंबर वन है महाराष्ट्र
वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध और भ्रष्टाचार की शिकायतों के नंबर वन है महाराष्ट्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा गुरूवार को जारी किए गए साल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में भ्रष्टाचार से जुड़े 4256 शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें से 22 फीसदी यानी 936 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। 494 शिकायतों के साथ ओडिसा भ्रष्टाचार के मामले में दूसरे नंबर पर रहा। वहीं सिक्किम इकलौता ऐसा राज्य रहा जहां पिछले दो सालों से भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत सामने नहीं आई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, लोकायुक्त और बिजिलेंस विभाग द्वारा महाराष्ट्र में दर्ज 891 मामलों में लोगों को जाल बिछाकर पकड़ा गया है जबकि आय से अधिक संपत्ति के 22 मामले और आपराधिक कदाचार के 23 मामले सामने आएं हैं। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भ्रष्टाचार से जुड़ी सिर्फ 84 शिकायतें दर्ज की गईं हैं। इनमें से 80 मामलों में जाल बिछाकर आरोपियों को पकड़ा गया है जबकि चार मामले आय से अधिक संपत्ति के हैं। मध्य प्रदेश में साल 2018 में भ्रष्टाचार की 256 शिकायतें दर्ज की गईं। महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के  918 ऐसे मामले भी हैं जिनकी जांच पिछले तीन साल से भी ज्यादा समय से चल रही है। हालांकि जांच में लेट लतीफी के मामले में राजस्थान दूसरे राज्यों से कहीं आगे निकल गया है यहां 1577 ऐसे मामले हैं जिनकी जांच पिछले तीन सालों से चल रही है। 954 ऐसे मामलों के साथ ओडिसा दूसरे नंबर पर है जबकि महाराष्ट्र इस मामले में तीसरे नंबर का राज्य है। अदालतों में लंबित भ्रष्टाचार के मामलों में भी देश में महाराष्ट्र ही अव्वल है। यहां 5044 मामलों की सुनवाई पिछले तीन सालों से जबकि 935 मामलों में सुनवाई 4 सालों से चल रही है। उडीसा ऐसे 3666 और राजस्थान 3339 प्रलंबित मामलों के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है। 

सजा दिलाने में भी फिसड्डी

भ्रष्टाचारियों को सजा दिला पाने में भी महाराष्ट्र फिसड्डी साबित हुआ है। साल 2018 में राज्य में सबसे ज्यादा 406 मामलों का निपटारा हुआ लेकिन इनमें से सिर्फ 56 मामलों में आरोपियों को सजा हुई है और 299 मामलों में आरोपी बरी कर दिए गए हैं। 19 ऐसे भी मामले हैं जिन्हें अदालतों ने सुनवाई के लायक ही नहीं समझा और आरोपियों को बरी कर दिया। महाराष्ट्र में सिर्फ 15 फीसदी मामलों में आरोपियों को सजा हुई जबकि भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा 224 मामलों में मध्यप्रदेश आरोपियों को सजा दिलाने में कामयाब रहा है। यहां सजा दिलाने की दर 72.3 फीसदी है। सजा की दर के मामले में तमिलनाडु अव्वल है जहां 167 में से 110 मामलों में आरोपियो को सजा हुई। यानी दोषसिद्धी की दर 73.3 फीसदी रही। 


राज्य            2018      2017      2016       

महाराष्ट्र         936       925      1016        
ओडिशा          494       494       569
कर्नाटक         378       289        25
मध्यप्रदेश       256      294       402
उत्तर प्रदेश      84        58          30
 

देश में वरिष्ठ नागरिक के खिलाफ अपराध के महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले दर्ज

इसके अलावा देश में पुरोगामी कहें जाने वाले महाराष्ट्र में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों के 2018 के आंकडों के अनुसार देश में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ दर्ज मामलों का प्रतिशत 96.5 है, जिसमें प्रतिशत के हिसाब से महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 24.5 प्रतिशत है जो कि देश में सबसे ज्यादा है। जबकि मध्यप्रदेश 16.3 प्रतिशत के साथ इस मामले में दूसरे स्थान पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों ने बुधवार को वर्ष 2018 के आपराधिक आंकडे जारी कर दिए है। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में 60 वर्ष के अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ वर्ष 2016 से 2018 तक लगातार आपराधिक मामलें बढे है। एनसीआरबी के आंकडें बताते है कि वर्ष 2016 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के 4694 मामलें घटित हुए। वहीं 2017 में यह आंकड़ा बढकर 5321 और 2018 में 5961 मामले दर्ज किए गए है। हालांकि मध्यप्रदेश में वरिष्ठ नागरिक के खिलाफ कुल अपराध की दर 69.4 प्रतिशत है जो कि देश में सबसे अधिक है और महाराष्ट्र 53.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने 2018 के दौरान 5961 मामले दर्ज किए और एक ही मामले को जांच के लिए रिओपन किया गया। जबकि वर्ष 2017 में 5003 मामले बिना जांच के लंबित थे। आंकडों के अनुसार पुलिस कुल दर्ज 10965 मामलों की जांच कर रही हैं। इनमें 2140 मामले सही पाए गए, लेकिन मामले में पुलिस को कोई सूराग नही मिल सका। 2264 मामलों को पुलिस ने अंतिम जांच के बाद बंद कर दिए और 2931 मामलों में चार्जशीट दायर की गई। पुलिस ने कुल 5442 व्यक्तियों को हिरासत में लिया था जिसमें 5100 पुरुष और 342 महिला थी। 4785 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। वर्ष 2018 और इससे पहले के वर्षों के मामलों को मिलाकर कुल 14888 मामलों में ट्रायल शुरु हुई है जिसमें से 796 मामलों की ट्रायल पूरी हो गई है और 907 को खारिज किया। कुल 13981 मामले अभी कोर्ट में लबित है। 2018 के दौरान कुल मामलों में से अदालत ने 122 को दोषी पाया और 667 को मामलें से बरी कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि ग्लोबल रिटायरमेंट इंडेक्स की हाल में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि निवृत्त नागरिकों को रहने के अनुकूल माहौल की दृष्टि से 43 देशों की सूची में भारत का स्थान सबसे निचे है।

Created On :   9 Jan 2020 4:24 PM GMT

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