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16 मई को बीड़ से शुरू होगा मराठा समाज का मोर्चा, चेतावनी से सहमी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द किए जाने के बाद मराठा समाज ने एक बार फिर से राज्यभर में मोर्चा निकालने का एलान किया है। इसके बाद राज्य सरकार मराठा संगठनों को समझाने में जुट गई है। गुरुवार को बीड में मराठा समाज की बैठक के बाद मराठा आरक्षण के लिए गठित मंत्रीमंडल उप समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि देश के सर्वोच्च अदालत के फैसले के मद्देनजर बीड़ में हुई मराठा समाज की बैठक में फैसला लिया गया कि लॉकडाउन खत्म होने पर 16 मई के बाद फिर से मराठा मोर्चा निकाला जाएगा। बीड़ जिले में पहला मोर्चा निकाला जाएगा।
मराठा समाज को भड़काने का न करें प्रयासः अशोक चव्हाण
बीड में मराठा समाज की बैठक के बाद मराठा आरक्षण के लिए गठित मंत्रीमंडल उप समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि कुछ लोग मराठा समाज को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल जैसा खेल महाराष्ट्र में न खेलें। देश के सर्वोच्च अदालत केफैसले के मद्देनजर बीड में हुई मराठा समाज की बैठक में फैसला लिया गया कि लॉकडाउन खत्म होने पर 16 मई के बाद फिर से मराठा मोर्चा निकाला जाएगा। बीड़ जिले में पहला मोर्चा निकाला जाएगा। पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने गुरुवार को अपने आवास पर पत्रकारोंसे बातचीत में कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी दलों के कुछ लोग मराठा समाज को भड़काने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ लोग मराठा समाज को गलत जानकारी दे रहे हैं। चव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए मराठा समाज का आरक्षण नकारा है कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान के 102 वें संशोधनऔर फडणवीस सरकार की तरफ से गठित गायकवाड आयोग की रिपोर्ट से असाधारण स्थति नहीं दिखाई देती। इस लिए इसके तहत मराठा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। लेकिन कुछ लोग गलत जानकारी देकर महा विकास आघाडी सरकार को परेशानी में लाना चाहते हैं। ये लोग कोरोना काल में अपने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों की सेहत के साथ खिलवाड कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चव्हा ने लोगों से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में न आए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसले भले ही हमारे खिलाफ आया है लेकिन अभी कानूनी लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्च ने केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से राष्ट्रपति द्वारा मराठा आरक्षण की मान्यता का रास्ता दिखाया है। अगले दो दिनों में मराठा आरक्षण उप समिति की बैठक होगी। इस बैठक में मराठा आरक्षण के लिए विकल्पों पर विचार किया जाएगा। चव्हाण ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान पर कहा कि यदि हमें भाजपा को मराठा आरक्षण का श्रेय लेने से रोकना होता तो उस वक्त ही हम इसका समर्थन नहीं करते। हमने तत्कालिन भाजपा सरकार को मराठा आरक्षण के लिए पूरा समर्थन दिया था। चव्हाण ने कहा कि भाजपा को श्रेय लेना है तो वह केंद्र सरकार की मदद से मराठा आरक्षण दिलाए।
मेटे ने कहा - आरक्षण को लेकर उद्धव की इच्छाशक्ति मजबूत नहीं
उधर बीड़ में विधायक विनायक मेटे ने कहा कि आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की इच्छाशक्ति मजबूत नहीं थी, जिसके कारण मराठा आरक्षण रद्द कर दिया गया। ऐसे में अब लॉक डाउन की समाप्ति के बाद राज्य भर में मराठा समाज मोर्चा निकालेगा। विधायक विनायक मेटे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह कोई मौन मोर्चा नहीं होगा। राज्य में पहला मोर्चा होगा, जो 16 मई को जिले से शुरू होगा। इसे लेकर जल्द प्रशासन को जानकारी दी जाएगी। वसनवाड़ी के जिजाऊ स्कूल में मराठा आरक्षण को लेकर रणनीति तय करने के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
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Created On :   6 May 2021 5:05 PM IST