मिशनरी जमीन मामला: सद््भावना भवन पर सख्ती से कब्जा

आशा केन्द्र और दो संस्थानों को कुछ दिनों की दी मोहलत मिशनरी जमीन मामला: सद््भावना भवन पर सख्ती से कब्जा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। क्रिश्चियन मिशनरी की मिशन कम्पाउंड स्थित 1 लाख 70 हजार वर्गफीट भूमि अब शासन के नाम दर्ज हो चुकी है। इसलिए जिला प्रशासन ने गुरुवार को जमीन पर कब्जा करने की शुरुआत की। सबसे पहले शादी-विवाह और अन्य आयोजनों के िलए बनाए गए सद््भावना भवन पर ताला ठोका गया। वहीं दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई कराने वाले आशा केन्द्र और दो अन्य संस्थानों को कुछ दिनों की मोहलत दी गई। इस प्रकार जिला प्रशासन ने आज यह साबित िकया कि वह जितनी कठोरता से कार्रवाई करता है उतना ही रहमदिल भी है। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई को एकतरफा और पक्षपातपूर्ण बताते हुए मसीही युवा सभा ने विरोध दर्ज कराया।
दोपहर लगभग 2 बजे दल-बल के साथ पहँुचे रांझी तहसीलदार श्याम नंदन चंदेले ने सद््भावना भवन को प्रशासन के कब्जे में लिया और मुख्य दरवाजे पर तालाबंदी करते हुए सील लगाई गई। इस दौरान मसीही समाज की भारी भीड़ भी एकत्र रही जिन्होंने कार्रवाई का विरोध किया, इसे देखते हुए भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था। अपर कलेक्टर न्यायालय के आदेश पर मध्य प्रदेश शासन के राजस्व विभाग के नाम दर्ज की गई यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी की 1 लाख 70 हजार 328.7 वर्ग फीट भूमि पर बने व्यावसायिक भवनों पर पुन: प्रवेश की प्रारंभ की गई कार्यवाही के तहत कब्जा खाली करने दिए गए नोटिस की समयावधि पूरी हो जाने पर जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार की दोपहर सद््भावना भवन को अपने आधिपत्य में ले लिया गया है। सद््भावना भवन पर कब्जा लेने की यह कार्यवाही तहसीलदार रांझी श्याम नन्दन चंदेले के नेतृत्व में की गई और इसे सील कर दिया गया।
19 को दिए थे नोटिस
तहसीलदार रांझी द्वारा 19 अक्टूबर को नोटिस जारी कर सद््भावना भवन सहित चार संस्थानों को राजस्व विभाग के नाम दर्ज की गई इस भूमि से सात दिन के भीतर कब्जा खाली करने के निर्देश दिए गए थे। तहसीलदार के मुताबिक चार संस्थानों में से विकास आशा केंद्र, भारतीय खाद्य निगम एवं इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रतिनिधियों द्वारा तहसीलदार न्यायालय में प्रस्तुत नोटिस के जवाब में कब्जा खाली करने के लिए कुछ दिनों का समय माँगा गया है। उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए विकास आशा केंद्र को तथा शासकीय संस्थान और आम जनता से जुड़े होने के कारण भारतीय खाद्य निगम एवं इंडियन ओवरसीज बैंक को कब्जा खाली करने कुछ दिनों की मोहलत प्रदान की गई है।
एक व्यक्ति की गलती की सजा पूरे समाज को
प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते हुए युवा मसीही सभा के अध्यक्ष जयकांत शाह ने जारी वक्तव्य में कहा िक एक व्यक्ति की गलती की सजा पूरे समाज को दी जा रही है। लीज नवीनीकरण का मामला अभी लम्बित ही था िक प्रशासन ने लीज निरस्त ही कर दी। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी की जा रही है। अल्पसंख्यक समुदाय के साथ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बाकी संस्थानों से एग्रीमेंट होगा
सद््भावना भवन पर कार्रवाई सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए की गई है। खाद्य निगम और बैंक प्रबंधन जिला प्रशासन से एग्रीमेंट करेेंगे तो उन्हें कार्यालय संचालन की अनुमति प्रदान की जाएगी। आशा केन्द्र के लिए अलग से निर्णय लिया जाएगा।
डॉ. इलैयाराजा टी, कलेक्टर

 

Created On :   27 Oct 2022 8:45 PM IST

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