सीमेंट प्रबंधन की अड़ी के खिलाफ संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन  के गेट में अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे विधायक

MLA on indefinite hunger strike in collectorate gate against cement managements adi
सीमेंट प्रबंधन की अड़ी के खिलाफ संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन  के गेट में अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे विधायक
सीमेंट प्रबंधन की अड़ी के खिलाफ संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन  के गेट में अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे विधायक

 डिजिटल डेस्क सतना।  जेपी सीमेंट बाबूपुर में श्रमिक आंदोलन के 13वें दिन यहां इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में स्थाई और नए ठेका मजूदरों को  फैक्ट्री के अंदर प्रवेश दिलाने की कोशिश की गई। इसी बीच मौके पर मौजूद कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने प्रशासन पर प्रबंधन की पैरवी के आरोप लगाए और सड़क पर धरने पर बैठ गए।  उन्होंने अन्न-जल त्यागने का ऐलान किया और फिर समर्थकों समेत संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के गेट पर आकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरु कर दिया।  दावे के मुताबिक नौकरी से बाहर किए गए 200 श्रमिकों को बगैर शर्त काम पर वापस नहीं लेने तक धरना आंदोलन जारी रहेगा। इससे पहले सुबह 8 बजे से बाबूपुर में भिलाई जेपी सीमेंट फैक्ट्री के गेट पर प्रदर्शनकारी श्रमिकों को मजमा लगना शुरु हो गया था। विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा साढ़े 8 बजे पहुंचे। हालात के मद्देनजर एसडीएम पीएस त्रिपाठी, तहसीलदार मानवेन्द्र सिंह के साथ सीएसपी विजय प्रताप सिंह , कोलगवां के थाना प्रभारी मोहित सक्सेना और सिविल लाइन टीआई अर्चना द्विवेदी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।  इस दौरान विधायक की पुलिस और प्रशासन के अफसरों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
 क्या हैं आरोप :----
सीमेंट स्टील फाउंड्री खदान कामगार यूनियन  और विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा का आरोप है कि लॉकडाउन की आड़ में भिलाई जेपी सीमेंट प्रबंधन ने 200 ठेका श्रमिकों को नौकरी से बाहर कर दिया। 23 अप्रैल से जब फैक्ट्री में प्रोडेक्शन चालू किया गया तो साढ़े 300 नियमित श्रमिकों के अलावा शेष नए ठेका श्रमिकों को लेकर काम चालू कर दिया गया। ठेके के नए श्रमिकों को काम पर लेने की भनक जब पुराने ठेका श्रमिकों को लगी तो आंदोलन शुरु हो गया। इस मामले में जब विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने हस्तक्षेप किया तो प्रबंधन ने जरुरत के हिसाब से पुराने ठेका श्रमिकों को काम पर लेने का आश्वासन दिया और शर्त रखी कि काम पर आने वाले श्रमिकों को माफीनामा देना होगा। आंदोलन को जब और गति मिली तो प्रशासन के साथ 2 मर्तबा त्रिपक्षीय बातचीत हुई मगर दोनों वार्ताएं भी अंतत: विफल हो गईं। विधायक के साथ सोमवार को एटक यूनियन के अध्यक्ष अरुण तिवारी, महामंत्री रामसरोज कुशवाहा, सिद्धार्थ सिंह, तिलक राज सोनी, गणेश त्रिवेदी, शिव शंकर गर्ग और मो.तारिक भी धरने पर रहे।
 

Created On :   7 July 2020 10:18 AM GMT

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