एमयू घोटाला: हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे जांच

MU scam: Retired High Court judge to investigate
एमयू घोटाला: हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे जांच
सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मिश्रा ने लगाई थी याचिका एमयू घोटाला: हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे जांच

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर बताया गया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में हुए घोटाले की जाँच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस केके त्रिवेदी की अध्यक्षता में गठित पाँच सदस्यीय कमेटी करेगी। जाँच कमेटी में साइबर क्राइम के एडीजी योगेश देशमुख, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट एमपीएसईडीसी विरल त्रिपाठी और इंजीनियर टेस्टिंग एएपीएसईडीसी प्रियंक सोनी सदस्य होंगे। चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने जाँच कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए एक माह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई नवंबर के अंतिम सप्ताह में नियत की गई है।
यह है मामला
गढ़ा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मिश्रा और प्रेमनगर निवासी अंकिता अग्रवाल की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर कर मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में हुए घोटाले की जाँच कराने की माँग की गई थी। याचिका में कहा गया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में छात्रों को पास करने के लिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। छात्रों से ऑनलाइन रिश्वत ली गई। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने छात्रों के नंबर बढ़वाने के लिए परीक्षा का काम कर रही माइंड लॉजिक्स कंपनी को ई-मेल भेजा। छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएँ जलाई गईं और बड़ी संख्या में उत्तरपुस्तिकाएँ बाथरूम में पाई गईं। दो साल से कई परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं किए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अमिताभ गुप्ता और आरएन तिवारी ने तर्क दिया कि मामले की जाँच सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कराई जानी चाहिए।
4 अक्टूबर को दिया था आदेश
हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में हुए घोटाले की जाँच सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की कमेटी से कराने का आदेश दिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने डिवीजन बैंच को बताया कि 14 अक्टूबर को रिटायर्ड हाईकोर्ट जज केके त्रिवेदी की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय जाँच कमेटी का गठन कर दिया गया है। डिवीजन बैंच ने कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए एक माह का समय दिया है।

 

Created On :   25 Oct 2021 10:28 PM IST

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