केस कम होते ही लापरवाही, कोविड संक्रमित का 3 दिन सामान्य उपचार

Negligence as soon as the case is reduced, 3 days of normal treatment of Kovid infected
केस कम होते ही लापरवाही, कोविड संक्रमित का 3 दिन सामान्य उपचार
केस कम होते ही लापरवाही, कोविड संक्रमित का 3 दिन सामान्य उपचार

अस्पतालों में आचार संहिता का पालन नहीं, सिंगरौली से आया था लकवे का मरीज, नागपुर ले गए तो पहली जाँच कोविड की, रिपार्ट पॉजिटिव 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना के केस कम होते ही चिकित्सकों ने भी लापरवाही बरतनी शुरू कर दी। कोविड की आचार संहिता का पालन नहीं होने से कई लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें यह पता चल रहा है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों तक की कोविड जाँच नहीं कराई जा रही है और बाद में पता चल रहा है कि मरीज जिसे किसी और बीमारी के कारण भर्ती किया गया था उसे कोरोना निकला। ऐसे मामले  बेहद चिंताजनक हैं। अस्पतालों और क्लीनिक्स में यदि लापरवाही होती रही तो भले ही शहर में कोरोना के मामले कम हो रहे हों लेकिन इन्हें बढऩे में कोई ज्यादा वक्त नहीं लगेगा और शहर की जनता फिर से एक बार इस महामारी की चपेट में आ सकती है। अस्पताल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लक्षण दिखने पर अस्पतालों द्वारा जाँच कराई जा रही है।
सिंगरौली के देवसर क्षेत्र के भूपेन्द्र सिंह को 12 जनवरी को लकवा मार गया था, मरीज को 16 जनवरी की रात यहाँ लाकर एक निजी अस्पताल में  भर्ती कराया गया। सामान्य तरीके से उपचार किया गया। जब वहाँ भी मरीज को कोई आराम नहीं मिला और चिकित्सकों ने ऑपरेशन की बात कही तब परिजनों ने नागपुर जाने का फैसला किया। 19 जनवरी को मरीज की नागपुर में पॉजिटिव रिपोर्ट आई।
शहर का ही एक मरीज डायबिटीज से ग्रसित है और एक चिकित्सक से उसका उपचार कराया जाता है। मरीज लगातार चिकित्सक के क्लीनिक में जाता रहा। चूँकि वह लक्षण रहित रहा इसलिए चिकित्सक भी बेखौफ उपचार करते रहे लेकिन तीसरे ही दिन मरीज को बुखार आया और जाँच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। ऐसे में अन्य मरीजों के साथ ही पूरा स्टाफ भी संक्रमित हो सकता है। 
मास्क से भी दूरी 
 कुछ दिनों पहले तक शहर में अधिकांश चेहरों पर मास्क नजर आता था लेकिन केस कम होने से लोगों में मास्क के प्रति लापरवाही भी दिखने लगी है। 
 

Created On :   21 Jan 2021 8:28 AM GMT

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