लापरवाही: कोरोना लक्षण वाले को अन्य आरोपी के साथ एक ही हथकड़ी में बाँधकर पैदल ले गए

Negligence: Coronet signs with other accused in the same handcuffs were taken on foot
लापरवाही: कोरोना लक्षण वाले को अन्य आरोपी के साथ एक ही हथकड़ी में बाँधकर पैदल ले गए
लापरवाही: कोरोना लक्षण वाले को अन्य आरोपी के साथ एक ही हथकड़ी में बाँधकर पैदल ले गए



डिजिटल डेस्क  जबलपुर।  कोरोना की महामारी में जहाँ सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ऐसे विकट माहौल में जीआरपी जबलपुर ने कोरोना के लक्षण वाले एक आरोपी युवक को दूसरे आरोपी के साथ एक ही हथकड़ी में बाँधकर करीब 2 किलोमीटर तक जुलूस निकाला। इस दौरान जीआरपी के स्टाफ ने पीपीई किट पहनकर खुद को तो सुरक्षित कर लिया, लेकिन कोरोना के लक्षण वाले आरोपी के पास से होकर गुजरने वालों की जरा भी परवाह नहीं की। पीपीई किट पहने जीआरपी स्टाफ ने दोनों आरोपियों को जेल भी पहुँचाया। अब कहा यह जा रहा है िक यदि बुधवार को दोनों आरोपियों में से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो जीआरपी की इस हरकत से जेल में भी कोरोना का हाहाकार मचने की आशंका है। हालाँकि इस मामले में जीआरपी थाना प्रभारी सुनील नेमा का कहना है िक दोनों आरोपियों को आरटीपीसीआर कराने के लिए विक्टोरिया भेजा गया था, वहाँ से तीन दिन यानी बुधवार के बाद जेल प्रशासन को रिपोर्ट मिलेगी। अभी कोरोना से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
कोर्ट ले जाने के पहले गाड़ी खराब हो गई..
जीआरपी के हेड कॉन्स्टेबल नन्हे सिंह का कहना है िक रविवार को मोबाइल चोरी के मामले में सिहोरा खितौला निवासी हिमांशु बर्मन और मनीष झारिया को पकडऩे के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने दोनों आरोपियों का कोरोना टेस्ट कराने के बाद जेल में दाखिल करने को कहा था। कोविड-19 का टेस्ट कराने के बाद जब जेल ले जाने के लिए उन्होंने गाड़ी माँगी तो पता चला कि जीप खराब है। आरोपियों के साथ ऑटो में बैठने पर डिस्टेंस कम हो जाता और कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता था, इसलिए खुद की सुरक्षा के लिए उन्होंने पीपीई किट पहनने के बाद दोनों आरोपियों के साथ पैदल जेल जाने का निर्णय लिया। जिसके बाद जीआरपी थाने से लेकर जेल तक पीपीई किट में चल रहे जवानों को देखकर लोगों की भीड़ लग गई।
आरोपियों को पीपीई किट पहनकर ले जाने का नियम है-
कोरोनाकाल की शुुरुआत से ही जीआरपी जिन आरोपियों को पकड़कर कोर्ट या जेल ले जा रही है, उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई किट पहनकर आरोपियों को ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। जीआरपी के हेड कॉन्स्टेबल और सहयोगी ने नियमों का पालन किया है। वहीं कोरोना जाँच के मामले में जब तक आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं आ जाती, यह कह पाना जल्दबाजी होगा कि आरोपियों में से कोई कोरोना पॉजिटिव था या नहीं.. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-सुनील कुमार जैन, एसआरपी

 

 

Created On :   13 April 2021 4:17 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story